आयोग की अनुशंसाओं का पालन प्रतिवेदन शासन से मांगा जाए

मानव अधिकारों के लंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण होगा

भोपाल UpdateMpCg.com नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने नव-नियुक्त राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष से किया आग्रह, लिखा पत्र

भोपाल 20 मई 2018, नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने राज्य मानव अधिकार आयोग के नव-नियुक्त अध्यक्ष से प्रदेश में पिछले आठ साल में सरकार की अनदेखी और उपेक्षा के कारण लंबित मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों का त्वरित निराकरण करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार से उन अनुशंसाओं का पालन प्रतिवेदन भी मांगा जाए जो आयोग ने की और सरकार ने अब तक उन पर कुछ नहीं किया।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार जैन को लिखे पत्र में उन्हें पदभार ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई दी। श्री सिंह ने कहा कि पिछले आठ साल से पद रिक्त होने के कारण कई अपेक्षाएं और उम्मीद इस प्रदेश की जनता की विशेषकर उन लोगों की हैं जो मानव अधिकारों के हनन के शिकार हुए हैं और उन्हें न्याय नहीं मिला।
श्री सिंह ने अपने पत्र में कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के चलते इस महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था के अध्यक्ष का पद लगभग आठ साल से रिक्त था। इससे आप यह आसानी से भांप सकते हैं कि राज्य सरकार मानव अधिकारों को लेकर कितनी असंवेदनशील है। अध्यक्ष न होने के दौरान मानव अधिकारों के उल्लंघन के गंभीर मामले मध्यप्रदेश में हुए हैं। इसमें सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही और सत्तारूढ़ सरकार की आपराधिक अनदेखी के कारण पीड़ित लोगों और वर्गों को अब तक न्याय नहीं मिला है। एक अनुमान के अनुसार इस समय मानवाधिकार आयोग में करीब 5000 से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं जिन पर लोगों को शीघ्र न्याय की अपेक्षा है। उन्होंने बताया कि इसी दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई जिसमें मानव अधिकारों की अनदेखी की गई। जैंसे उदाहरण के तौर पर मंत्री रामपाल सिंह की पुत्रवधु प्रीति रघुवंशी द्वारा की गई आत्महत्या का मामला, जिसमें आज तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है जबकि प्रीति रघुवंशी के परिजनों के बयान कई बार लिये जा चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में कहा कि राज्य मानव अधिकार आयोग ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मानव अधिकारों के मामले में अनुशंसाएं की हैं। जिसकी राज्य सरकार ने अनदेखी की है। इनमें :-
• सार्वजनिक स्थानों पर शराब की दुकान न होना।
• कुपोषण।
• बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करना।
• किसानों के आत्महत्या के मामले में 183 पेज की रिपोर्ट।
• सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार।
• तालाबों के सरंक्षण के लिए बोर्ड
उपरोक्त के अलावा और कई विषयों में मानव अधिकारों को लेकर आयोग ने महत्वपूर्ण अनुशंसाएं सरकार को की हैं, जिसका पालन आज तक राज्य सरकार ने नहीं किया है। श्री सिंह ने कहा कि इस ओर भी आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं कि मानव अधिकार आयोग जैसी महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था का वार्षिक प्रतिवेदन पिछले आठ साल से शासन के पास पड़ा धूल खा रहा है, उसे विधानसभा में पेश नहीं किया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र में कहा कि किस तरह आयोग को राज्य सरकार ने पंगु कर रखा था, यह आप स्वयं महसूस करेंगे। श्री सिंह ने कहा कि आपके पदभार ग्रहण करने से हमें उम्मीद है कि आपकी अध्यक्षता में पीड़ित लोगों को न्याय मिलेगा और मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वाली एजेंसियों, अधिकारियों को उचित दंड मिलेगा और प्रदेश के नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण होगा।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

Leave a Reply