किसानों के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला

जस्टिस आर .एफ .नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा ने दिया फैसला
वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने की किसानों की पैरवी

जयंत वर्मा , सम्पादक ,नीति मार्ग ,देवब्रत विश्वास ,सांसद महतो के साथ
किसान संघर्ष समिति ने दायर की थी याचिका दायर

देश का किसान अब दाम दुपत का सिद्धांत( व्याज मूल धन से अधिक नहीं हो सकता) लागू कराने न्यायालय में जा सकेगा ।अब तक अधिक कर्ज़ों की दरों( ऋणग्रस्तता को लेकर )अदालतों में जाने की किसानों पर रोक थी ।राज्य सरकारें अब कर्ज़े( ऋणग्रस्तता) को लेकर फैसले कर सकेंगी,हर राज्य किसानो की ऋण ग्रस्तता की समस्या और बैंकों की अधिक व्याज दरों ( चक्रवर्ती व्याज पर रोक लगाने ) को ध्यान में रख कर कानून बनाये ,यह प्रयास किसान संगठनों को सामूहिक तौर पर करना होगा ।
बैंकिंग कानून,1949 में 21ए के संशोधन को तो सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द नहीं किया लेकिन किसानों ,खेतिहर मज़दूरों को छूट दे दी।
किसान संघर्ष समिति भी जयंत वर्माजी और देवब्रत विस्वास जी ,महतो जी के साथ याचिकाकर्ता थी ।जोरदार पैरवी वरिस्ठ अधिवक्ता संजय पारिखजी ने की ।उनके सशक्त तर्कों के सामने भारत सरकार ,रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के वकीलों के तर्क नहीं टिक सके ।संजय पारिख जी का बहुत2 आभार और जोरदार जिंदाबाद ।
उल्लेखनीय है कि देश चक्रवृद्धि व्याज के खिलाफ डॉ बह्म देव शर्मा जी ने सबसे पहले मुहिम छेड़ी थी ,मुझे याद है किसान संघर्ष समिति ने मध्यप्रदेश भर में इस मुहीम के दौरान किसानों से फॉर्म भराए थे ।पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह जी और देवे गौड़ा जी इस मुहिम के तहत दिल्ली के वी पी हाउस में आयोजित सम्मेलन में शामिल हुए थे। वी पी सिंह जी को दोनों पैरों में फ्रैक्चर था वे अपोलो से डायलीसिस कराकर स्ट्रेचर से आये थे ।उन्होंने चक्रवृद्धि व्याज खत्म करने की मांग की थी ,भोपाल में भी सम्मेलन हुआ था जिसमें वे आये थे । हम डॉ बह्म देव शर्मा जी और वी पी सिंह जी को श्रीधापूर्वक नमन करते हैं।

डॉ सुनीलम
कार्यकारी अध्यक्ष ,
किसान संघर्ष समिति
राष्ट्रीय संयोजक ,जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय
09425109770

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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