रायपुर. राज्य के सरकारी स्कूलों में एक बार फिर से धार्मिक नायकों की कहानी पढ़ाई जाएगी। लंबे समय बाद बच्चों को नैतिकता और कर्म का पाठ पढ़ाने के लिए हिन्दी के साथ सहायक पाठ्यक्रम ‘बाल रामकथा’ पुस्तक लागू की गई है। छठवीं में पहली बार सीबीएसई पैटर्न की एनसीईआरटी की किताबों में हिन्दी के सहायक पाठ्यपुस्तक के तौर पर इसे पढ़ाया जाएगा। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का संक्षिप्त परिचय व सीख को कहानी के रूप में डाला गया है। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को अच्छाई और बुराई के बारे में बताते हुए नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने प्रदेश के सभी जिलों में चुनिंदा 153 मिडिल स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदलकर इस पुस्तक को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया है। आगे सभी स्कूलों में लागू करने की तैयारी है।