

रमेश ठाकुर
कोलकाता 11 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज दबाई नहीं जा सकती। भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित युवा स्वाभिमान समावेश रैली को सम्बोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भजयुमो की यह रैली बहुत समय से प्रस्तावित थी, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार इस आयोजन में कई प्रकार के व्यावधान डाले। बांग्ला टीवी चैनलों को डाउन कर दिया गया ताकि सरकार के खिलाफ जनता का आक्रोश लोगों तक नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कहा इतिहास इस बात का गवाह है कि जिन्होंने भी जनता की आवाज को दबाने का प्रयास किया उन्हें मूंह की खानी पड़ी है। जनता का आक्रोश और उभर कर सामने आया। जनता की आवाज दबायी नहीं जा सकती। मैं राज्य के हर जिले में जाउंगा, तृणमूल सरकार की अराजकता के खिलाफ जनता आन्दोलन करेगी। भाजपा पर लग रहे बांग्ला विरोधी आरोप का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि हमारे संस्थापक डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी पश्चिम बंगाल के ही सपूत थे। ऐसे में भाजपा कैसे एंटी बांग्ला विरोधी हो सकती है। उन्होंने कहा हम वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करते। हम स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द, रवीन्द्रनाथ टैगोर के विचार और आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं। भाजपा अध्यक्ष ने एनसीआर के विरोध को गलत ठहराते हुए कहा कि यह असम से घुसपेठियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया है। हमारा वादा है, यह प्रक्रिया रूकेगी नहीं। एक-एक घुसपेठिये को चिन्हित करके रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस दुष्प्रचार कर रही है कि एनसीआर लागू होने से शरणार्थियों के लिए समस्या उत्पन्न हो जाएगी। उनका यह कहना निराधार है। उन्होंने कहा भाजपा नेशनल सिटीजनशिप बिल 2018 लेकर आई है। मैं देश में रहने वाले शरार्थियों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि इस बिल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंग्ला देश से आए हुए ईसाई, बौद्ध एवं हिन्दू शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।