कमलनाथ ने कांग्रेस में फूंकी जान, आसान भी नहीं चुनावी इम्तहान

प्रदीप जायसवाल
भोपाल. यह बात बिल्कुल सही है कि जब से कांग्रेस की कमान कमलनाथ ने संभाली है, तब से कांग्रेस लगातार नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है.चाहे खुद कमलनाथ हो या फिर मध्य प्रदेश चुनाव अभियान समिति के चीफ ज्योतिरादित्य सिंधिया हो या फिर राज्य के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह हो, सभी दिग्गज किसी न किसी तरह कांग्रेस संगठन को दोबारा ट्रैक पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह एक बार फिर फार्म में है, जबकि वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी भी अपने कुनबे को जोड़ने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अरुण यादव अपनी नाराजगी की खबरों के बीच अब खुश नजर आ रहे हैं. दरअसल हाईकमान ने उन्हें अपनी वर्किंग कमेटी में स्थान देकर जिस तरह से नवाज दिया है, उससे उनके समर्थकों में भी खासा उत्साह है. इधर पीसीसी मुख्यालय में पूर्व और अनुभवी नेता चंद्रप्रभाष शेखर अपने तजुर्बे के बूते संगठन की मजबूती के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. बकौल एक नेता, शेखर साहब बहुत अच्छे नेता और इंसान हैं, दरअसल वह हमेशा कहते हैं कि संगठन को अगर पटरी पर लाना है तो ज्यादा से ज्यादा पद बांटना होगा. हम आखिर पद ही तो दे रहे हैं और कार्यकर्ता को दे क्या रहे हैं.शेखर की यह सोच कांग्रेस को धीरे-धीरे एक नई ऊर्जा से लबरेज कर रही है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बैठे दूसरे बड़े नेता मानक अग्रवाल अपने दीर्घ अनुभव के आधार पर पार्टी की साख बनाने और इमेज चमकाने का काम बखूबी कर रहे हैं. उधर पीसीसी चीफ कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा भले ही मध्यप्रदेश के लिए नए नेता हो, लेकिन वे मानक अग्रवाल, चंद्रप्रभाष शेखर और सज्जन सिंह वर्मा सरीखे दिग्गज नेताओं के साथ तालमेल करके आगे बढ़ रहे हैं.

कमलनाथ की ताकत में यह सब शुमार

दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी,सत्यव्रत चतुर्वेदी और कांतिलाल भूरिया सरीखे जमीनी नेताओं के अलावा चंद्रप्रभाष शेखर, मानक अग्रवाल, बाला बच्चन, रामनिवास रावत, जीतू पटवारी, सुरेंद्र सिंह चौधरी और मालवा-निमाड़, बुंदेलखंड, ग्वालियर चंबल, विंध्य, महाकौशल के तमाम नेता और कांग्रेस के सभी विधायक कमलनाथ की ताकत बने हुए हैं. पहली बार राजनीति में कदम रखने के बाद सियासत से लगभग तौबा तौबा कर लेने वाले जाने-माने प्रख्यात अधिवक्ता विवेक तन्खा भी अब राज्यसभा सांसद के तौर पर कमलनाथ की एक बड़ी ताकत बन गए हैं. यह कहना बिल्कुल सही है कि कांग्रेस में कमलनाथ के आने के बाद जान तो आई है लेकिन शिवराज जैसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री और तीन बार की BJP सरकार को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस का सत्ता से वनवास खत्म करना भी कोई मामूली इम्तहान नहीं है.

कांग्रेस के ये खास चेहरे
चंद्रप्रभाष शेखर, मानक अग्रवाल, नरेंद्र सलूजा, जेपी धनोपिया, विभा पटेल, पंकज चतुर्वेदी, दुर्गेश शर्मा, रवि सक्सेना, युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती मांडवी चौहान, वरिष्ठ नेत्री दीप्ति सिंह, योगेंद्र सिंह परिहार, संगीता शर्मा, पीसी शर्मा, कैलाश मिश्रा, मनोज शुक्ला, संजय श्रीवास्तव, रवि जोशी, मृणाल पंत,विपिन वानखेडे, राजीव सिंह, अजय शाह मकड़ाई, भूपेंद्र गुप्ता, अर्चना जायसवाल, अवनीश भार्गव, दिनेश गुर्जर, डॉक्टर धर्मेंद्र वाजपेई, बृजभूषण नाथ, प्रमिला साधौ, महेंद्र सिंह चौहान, लक्ष्मण ढोली, सपना जैन, शाहवर आलम और त्रिलोक दीपानी जैसे कई बड़े नेता कांग्रेस की जमीन तैयार करने में जुट गए हैं. सुना है तेज तर्रार और सरकार की नाक में दम कर देने वाले पूर्व मुख्य प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा भी जल्द ही मैदान संभालने वाले हैं.

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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