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पुणे मध्यप्रदेश के जनसंपर्क एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने आज महाराष्ट्र के पुणे में 3 संसदीय क्षेत्र सातारा, माधा और बारामती के BJP नेताओं और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की. गौरतलब है कि डॉ. मिश्रा को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है.

गुजरात यात्रा का फाइल फोटो

3 अगस्त को बताएंगे कमलनाथ-सिंधिया राहुल की रणनीति

– दिल्ली मंथन के बाद दिग्गज बोलेंगे बीजेपी पर करारा हमला

प्रदीप जायसवाल

भोपाल. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी जंग तेज और तेज होती जा रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा के मुकाबले कांग्रेस, राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की बस यात्रा शुरू करने जा रही है. मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी जनआशीर्वाद यात्रा 14 जुलाई को उज्जैन से शुरू की थी. अब कांग्रेस की रणनीति राहुल गांधी की बस यात्रा को औंकारेश्वर से शुरू करने की है. यात्रा सितंबर माह में शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. वैसे, राहुल गांधी ने दिल्ली में पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ वरिष्ठ नेता और चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव, मध्यप्रदेश के चारों कार्यकारी अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय महासचिव एवं पार्टी संगठन प्रभारी दीपक बावरिया की मौजूदगी में अपनी बस यात्रा पर मंथन किया है. इधर, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्रीमती शोभा ओझा का कहना है कि यह आरोप BJP का सरासर बेबुनियाद और गलत है कि कांग्रेस, भाजपा की नकल कर रही है. श्रीमती ओझा ने कहा कि इतने सालों तक कांग्रेस सरकार में रही और BJP विपक्ष में रही पर कांग्रेस ने कभी इस तरह का घटिया आरोप नहीं लगाया. श्रीमती ओझा ने यह भी कहा कि यह यात्रा, जन आशीर्वाद यात्रा की कॉपी नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन को और मजबूत करने के लिहाज से एक बड़ी यात्रा होगी. इधर कांग्रेस के अंदरखाने की मानें तो पीसीसी चीफ कमलनाथ और मध्यप्रदेश चुनाव अभियान समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया 3 अगस्त को भोपाल में मीडिया से रूबरू होंगे. इस दौरान नेता द्वय राहुल गांधी की बस यात्रा से लेकर पार्टी की अगली रणनीति और तमाम अन्य मुद्दों पर बातचीत करेंगे.
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बिहार में मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 लागू है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार ने कानून में कुछ बदलाव की है.

पटना : बिहार में शराबबंदी कानून 5 अप्रैल 2016 से लागू है. जब बिहार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी लागू किया था तो हर तरफ सरकार के इस कदम की काफी तारीफ हुई थी. हालांकि शराबबंदी लागू होने के बाद भी गैरकानूनी रूप से शराब की तस्करी की घटनाएं आती रहती हैं.

शराबबंदी कानून में जो संशोधन हुआ है उसमें सजा को लेकर नरमी बरती गई है. घर, वाहन और खेत से शराब जब्ती होने पर नरमी दिखाई जाएगी. पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना या फिर तीन महीने जेल का प्रावधान किया जाएगा. वहीं, सामूहिक जुर्माना समाप्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है.

इसके अलावा जहरीली शराब से मृत्यु होने पर सख्त कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसमें सजा-ए-मौत का प्रावधान हो सकता है. सरकार पहले से ही शराबबंदी कानून में बदलाव के लिए कानूनविदों से सलाह करने का काम कर रही थी.

अनुभाव के आधार पर किए गए बदलाव : नीतीश
शराबबंदी पर कड़ा कानून भी बनाया गया. बिहार में मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 लागू है. सरकार अब इसमें मौजूदा स्थिति को देखते हुए कुछ बदलाव की है. बिहार विधानसभा में शराबबंदी संसोधन विधेयक पेश करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अनुभाव के आधार पर शराबबंदी कानून में बदलाव किए गए हैं.

सीएम नीतीश बोले- लोगों से ली गई राय
इसके लिए लीगल राय भी ली गई. नीतीश कुमार ने कहा कि राय के आधार पर संशोधन की जरुरत महसूस हुई. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ कानून से काम नहीं हो सकता है. इस दौरान नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए विपक्ष पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों सुधार की बात को भी पसंद नहीं करते हैं. कुछ लोगों को आप नहीं बदल सकते हैं. नीतीश कुमार ने साथ ही सीआईजी के अंतर्गत आईजी प्रोहिबिशन तंत्र को विकसित किया. इसके अंतर्गत अगर किसी व्यक्ति को पता चलता है कि यहां कोई धंधा चल रहा है तो इसकी जानकारी दो नंबर हैं जिनपर दिया जा सकता है. ये नंबर गांव-गांव तक हर बिजली के खंभों पर लगा हुआ होगा. आपको नाम को गोपनीय रखा जाएगा और कम से कम समय में उस समय पर कार्रवाई की जाएगी.

नए कानून में बरती गई है नरमी
कार्रवाई किए जाने के बाद सूचना दिए जाने वाले व्यक्ति से भी पूछा जाएगा कि क्या वो इस कार्रवाई से संतुष्ट हैं. साथ ही शराबबंदी के कानून को पहले से थोड़ी नरमी बरती गई है. पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर 50 हजार रुपए जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान था. वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की सजा और 5 लाख तक का जुर्माना का प्रवाधान है.

पांच साल की सजा
वहीं, अगर नए संशोधन के तहत अब सिर्फ शराब पीने वाला ही पकड़ा जाएगा. परिवार में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए सजा का प्रवाधान है. मौजूदा प्रवाधान में शराब पीते पकड़े जाने पर अलग कानून है लेकिन नए विधेयक में मिलावटी शराब या अवैध शराब बेचने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके तहत आजीवन कारावास और दस लाख तक जुर्माना भी है जबकि मौजूदा प्रावधान में पांच साल की सजा का प्रावधान है.

जिलाधिकारी के पास अधिकार
नए विधेयक में होटल, प्रतिष्ठान में शराब पीते पकड़े जाने पर पूरा परिसर नहीं सील किया जाएगा. सिर्फ वही कमरा सील होगा जिसमें शराब मिलेगी. इसके लिए आवश्यक कार्रवाई का अधिकार जिलाधिकारी के पास होगा.

लोकसभा में सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का भाषण

आपने दागदार सरकार दी थी, हमने दमदार सरकार दी

नई दिल्ली/भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा की ओर से चर्चा शुरू करते हुए कहा कि –
o संविधान निर्माता डॉ. भीमराव रामजी अंबेड़कर ने अनुसूचित जाति वर्ग के लिए काफी काम किए, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें हराने का ही षडयंत्र रचा।
o जिस समाज के लिए डाॅ. अंबेडकर ने संघर्ष किया उनका कांग्रेस ने रहनुमा बनकर वोट के लिए शोषण किया है।
o पहले स्केम की सरकार थी और अब स्कीम की सरकार है। प्रधानमंत्री द्वारा संचालित कराई जा रहीं योजनाओं से गरीब के चेहरे पर खुशी की चमक दिख रही है।
o प्रधानमंत्री की योजनाओं की गूंज देश के साथ दुनियां में भी सुनाई देती है। भारत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का हक बताते थे, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा कि हमारे सभी उपलब्ध संसाधनों पर गरीबों का हक है। इससे ही विकास की दिशा को बल मिला है।
o आजाद भारत के इतिहास में 70 सालों में योजना वास्तविकता के धरातल पर उतरी है।
o प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार उसकी शासन व्यवस्था इस बात का प्रमाण है कि जाति, समाज और धर्म इन सबसे उपर उठकर देश में बिना किसी भेदभाव के जरूरत मंदों को सहारा मिले, इसके लिए सरकार ने जो नारा दिया ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ यह मोदी जी का संकल्प है।
o भारत में अब योजनाए भेदभाव पर आधारित नहीं है बल्कि जनता की आवश्यकताओं के आधार पर उनकी पूर्ति हो रही है।
o पहले की सरकार के नेतृत्व बेल पर थे, केन्द्रीय मंत्री जेल में थे। कांग्रेस ने इस देश को दागदार सरकार दी है। हमें गर्व है कि श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में साफ सुथरी और दमदार सरकार दी है।
o प्रधानमंत्री ने बिना भेदभाव के सबका साथ सबका विकास लेकर योजनाएं क्रियान्वित कराईं हैं।
o उज्जवला योजना, सौभाग्य योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री जनऔषधी योजना, मुद्रा योजना, कौशल विकास योजना यह सभी योजनाओं की गंूज पूरे देश में नहीं पूरे विश्व में सुनाई देती है।
o मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी तक दो करोड़ लोगों को पक्के आवास दिलाए हैं और 2022 तक एक भी गरीब बिना छत या पक्के मकान के नहीं बचेगा।
o किसी एक राज्य की मांग पर मोदी सरकार पूरे देश का बलिदान नहीं कर सकती। हम समानता के साथ राज्यों का विकास कर रहे है।
o लेकिन जब आपकी केन्द्र में सरकार थी तब मेरे मुख्यमंत्री को सड़कों के गढ्ढे भरने के लिए और कोयला मांगने के लिए उपवास तक की राह पकडनी पडी थी।
o उज्जवला योजना में देश की 4 करोड़ 78 लाख महिलाओं के चेहरे पर हर्ष दौड़ रहा है और चूल्हा फूंकने से जो स्वास्थ्य खराब हो रहा था उसमें भी सुधार है। हमने 8 करोड़ परिवारों तक निशुल्क गैस सिलेंडर पहंुचाने का संकल्प लिया है।
o यूपीए सरकार के समय देशभर के 18 हजार से अधिक गांव अंधेरे में थे लेकिन हमारी सरकार एक हजार दिन का वादा करके 12 दिन पहले ही सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी।
o आश्चर्य है कि दिवाली के दिन भी गरीबों के घर में बल्व नहीं जले। मोदी सरकार ने 18 करोड़ से अधिक घरों में बिजली पहुंचा दी है।
o आयुष्मान योजना में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज की सुविधा भी भाजपा सरकार ने दिलाई।
o दो लाख तक का बीमा सुरक्षा योजना में सिर्फ एक रुपए में लाभ दिलाया।
o देशभर में 3 हजार से अधिक जनऔषधि केन्द्र खुलवाए हैं, ताकि गरीबों को दवाईयां मिल सकें। इतना कुछ करने के बाद भाजपा को आशीर्वाद क्यों नहीं मिलना चाहिए।
o देश सारी दुनियां की छठवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। हम विश्व का नेतृत्व करने की दिशा में आगे बढ़े है।
o डोकलाम में दोनों देशों की सेनाए पीछे हट जाए यह आप लोगों कैसे सहन कर सकते है ? भारत की सेनाएं अपने शौर्य और पराक्रम के दम पर दूसरे देश में जाकर आज अगर सफलतम सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो उसके बढे हुए मनोबल का कारण आपको समझना पडेगा।
o शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। कांग्रेस शास्त्री जी का नाम भी नहीं लेना चाहती लेकिन मैं गर्व के साथ कहना चाहता हंू कि मोदी जी की सरकार ने शास्त्री जी के इस स्वप्न को यथार्थ में बदलने का काम किया है।
o जो लोग श्री नरेन्द्र मोदी के विरूद्ध अमेरिका को पत्र लिखकर भारतीय संविधान की मर्यादा की धज्जियां उडा रहे थे, वे लोग आज जब अमेरिका के राष्ट्रपति को उन्हीं मोदी के सम्मान में पोट्रोकाल तोडते देखते है तो उनके अवसाद का कारण समझा जा सकता है।
o देश के यशस्वी प्रधानमंत्री रहे श्री अटलबिहारी वाजपेयी ने एक बार इसी सदन में कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव तब लाए जाते है जब सरकार के पतन की स्थिति दिखाई देती है अथवा सरकार को जागरूक रखने के लिए किसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए इसे हथियार बनाना हो। लेकिन मैं अभी नहीं समझ पा रहा हंू कि इस अविश्वास प्रस्ताव का औचित्य क्या है ?
o यह बात जरूर समझ में आती है कि सभी मोर्चाे पर विफलता का शिकार हुई कांग्रेस आज स्वयं ही अविश्वास के विकार से ग्रस्त है। इसी विकार के कारण यह अविश्वास प्रस्ताव सामने आया है।
o जिनके जमाने में सारा जहांन हिन्दुस्तान के घोटालों की चर्चा करते करते पूरी वर्णमाला याद कर लेता था वे आज चार सालों में स्वर्णिम भारत की इबारत लिखने वाली सरकार पर आरोप लगाने का पाप कर रहे है।
o सच तो यह है कि योग दिवस के रूप में विश्व पटल पर फहराती भारतीय ज्ञान की पताका आपको खटक रही है।
o भारत की सीमाओं से परे इस्लामिक देश यूएई में भारतीय संस्कृति के प्रतीक मंदिर के निर्माण को मिली ऐतिहासिक मान्यता से आप कंुठित हो रहे है।
o आज मैं इतना कहना चाहता हंू कि जनता ने आपके 60 साल के कुशासन के विरूद्ध अविश्वास पारित कर हमें सुशासन के लिए विश्वास प्रदान किया है।
o आपके विरूद्ध अविश्वास का आलम यह है कि आप धीरे धीरे सभी प्रदेशों से लापता होते जा रहे है और हमारे विश्वास की कहानी यह है कि हम निरंतर सभी राज्यों में बढते जा रहे है।
o उत्तर पूर्व के राज्य जो आज तक विकास की मुख्य धारा से वंचित थे आज उन्हें सही अर्थो में विकास का मतलब समझ आ रहा है।
o हमें घरेलु मोर्चे पर गरीबी, स्वास्थ्य, सडक, बिजली, पानी और सामाजिक सुरक्षा जैसे विषयों पर सतही स्तर से जंग शुरू करना पडी है, वही घर के बाहर से तंग करने वाले आतंकवाद, नक्सलवाद जैसे संकटों से भी निपटना पडा है।
o संकट यह है कि चैतरफा अविश्वास से घिरे हमारे विपक्षी मित्रों को यह विश्वास ही नहीं हो रहा कि भारत आगे बढ रहा है।
o यह मैं नहीं कह रहा, सारी दुनिया के आंकडे कह रहें है कि भारत आज फ्रांस को पछाडते हुए विश्व की छठवी सर्वश्रेष्ठ अर्थव्यवस्था बन गया है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की स्पष्ट और निर्णायक नीतियों का प्रतिफल नहीं तो और क्या है।
o जिन्होंने किसानों के लिए कभी नहीं किया। वे आज फसल बीमा देखकर हैरान है और फसलों की लागत का डेढ गुना समर्थन मूल्य दिए जाने से परेशान है।
o आज देश के 40 प्रतिशत किसान फसल बीमा के दायरे में आने को है और योजना की आवंटन राशि 9 हजार करोड तक पहंुच गयी है।
o लागत का डेढ गुना मूल्य देकर हमने अपने उस संकल्प को सिद्ध किया है कि हम किसानों की आमदनी दोगुना करके रहेंगे।
o मैं अपने मध्यप्रदेश की भी बात करना चाहता हंू। जहां जनता जनार्दन के उत्थान के कीर्तिमान रचे जा रहे है।
o यह दीगर बात है कि 2003 में मध्यप्रदेश में हमारी सरकार बनने के बाद आपने 2013 तक केन्द्र की ओर से हमें हमारा भरपूर असहयोग किया। इस कदम असहयोग किया कि हमारे मुख्यमंत्री को कोयल जैसी चीज के लिए भी आंदोलन की राह पकडनी पडी। संघीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में आपका यह रवैया शर्मनाक था।
o हमें कांग्रेस ने एक बीमार मध्यप्रदेश सौंपा था, जहां गढ्ढे में सडक ढंूढना पडती थी, सूखे खेतों में धूल उडती थी, एक दो घंटे के लिए बिजली का आना खबर बनती थी, डकैतों से बच पाना किस्मत होती थी।
o हमने मध्यप्रदेश में पहले कार्यकाल में एक ओर जहां तहस नहस पडे आधारभूत ढांचे को ठीक करने का काम किया। वहीं दूसरी और लाडली लक्ष्मी योजना जैसा सामाजिक आंदोलन प्रारंभ किया। प्रथम चरण में जब हम बीमारू राज्य को विकासशील राज्य की श्रेणी में ले आए, तो जनता ने हमें पुनः चुना और हमने द्वितीय चरण में विकसित राज्य बनाने की यात्रा पूरी की।
o 2003 से पूर्व मध्यप्रदेश में राजा, नवाब, अंग्रेज और कांग्रेस मिलाकर भी मात्र साढे सात लाख हेक्टेयर सिंचाई की व्यवस्था कर सके थे, जिसे हमने 40 लाख हेक्टेयर के उपर पहंुचा दिया है। 2022 तक यह सिंचाई क्षमता 40 लाख हेक्टेयर के उपर होगी।
o प्रदेश की कृषि विकास दर जो 2003 में तीन प्रतिशत होती थी। वह आज 18.89 प्रतिशत है, इसे 530 प्रतिशत की वृद्धि कहते है।
o मध्यप्रदेश को 5 बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलना कोई मामूली बात नहीं है, यह पुरस्कार तब भी मिले जब केन्द्र में आपकी सरकार थी।
o 2003 में आप बिजली का उत्पादन 2900 मेगावाट करते थे, हमने उसे 18364 मेगावाट पर पहंुचा दिया है।
o 2003 में प्रदेश में मात्र 44787 कि.मी. सडके थी, जिसे हमने 1 लाख 50 हजार कि.मी. कर दिया है।
o प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में मध्यप्रदेश में 2 लाख 45 हजार आवास तथा ग्रामीण क्षेत्र में 14 लाख 7 हजार 428 आवास निर्माण कोई मामूली काम नहीं है।
o उज्जवला योजना के तहत हमने मध्यप्रदेश की गरीब बहनों को 34 लाख 1 हजार 516 गैस कनेक्शन दिए है।
o हमने 6 लाख 900 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 804 करोड रूपए की राशि प्रदान की।
o आपके समय राज्य का बजट 21 हजार 647 करोड रूपए था, जो आज 1 लाख 85 हजार 564 करोड रूपए है।
o हमने 55 हजार प्राथमिक शालाओं को 84 हजार तक, 1700 हाईस्कूलों को 4700 तक, 12 हजार 500 माध्यमिक शालाओं को 30 हजार 341 तक और हायर सेकेण्डरी स्कूलों की संख्या को 1500 से बढाकर 3800 किया है।
o कौन सोच सकता था कि कोई राज्य मेधावी गरीब बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 40 लाख रूपए तक की फीस भरने की योजना बनायेगा। यह मध्यप्रदेश ने करके दिखाया है।
o बेटियों की सुरखा की दिशा में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने जो क्रांतिकारी और संवेदनशील कदम उठाया है जिससे आने वाले दिनों में दुराचारियों की रूह भी कांपेगी।
o हाल ही में लागू की गयी असंगठित श्रमिक कल्याण योजना संबल ने तो मध्यप्रदेश के 2 करोड़ लोगों के भाग्य को बदलकर रख दिया है। बच्चे के गर्भ में आने से लेकर पूरे जीवन स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास और रोजगार सहित सभी बातों की चिंता सरकार करेगी, ऐसा कभी किसी ने सुना भी था क्या, जैसा मेरे मध्यप्रदेश में करके दिखा दिया है।
o श्री राकेश सिंह ने यूपीए सरकार के दौर में फाइलंे लटकाने को लेकर कहा कि कुछ विशेष कारण आपके समय इसके लिए होते थे। इस बारे में उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि जबलपुर में ब्राडगैज प्रोजेक्ट का जो काम 20 साल से लटका हुआ था वही काम हमारी सरकार आने के बाद मात्र 4 वर्षों में पूर्णतः की ओर है।

अंत में श्री राकेश सिंह ने अपनी बात का समापन कुछ यूँ किया –
चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गयी हांेगी।
यही इल्जाम मुझ पर लग रहा है बेवफाई का।
चमन को रौंद डाला है, जिन्होंने अपने पैरों से।
वही दावा करे हैं, इस चमन की रहनुमाई का।

कर्नाटक की सियासत

कर्नाटक में कांग्रेस-JDS को सरकार बनाने का मौका मिलने के खिलाफ अखिल भारत हिन्दू महासभा की SC में याचिका। कहा- एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले दलों में हुए गठबंधन को सरकार बनाने का आमंत्रण देना राज्यपाल का गलत फैसला। SC इस फैसले को रद्द करे। ऐसे गठजोड़ को असंवैधानिक करार दे।