
अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में 87 लाख आदिवासियों के बीच पहुंचने की रणनीति बनाई है। इस बारे में कार्यकारी अध्यक्ष बाला बच्चन ने एक रिपोर्ट भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपी है, जिसमें पार्टी से बीते चुनावों से दूर हुए इस वोटर बैंक को वापस लाने के बारे में सुझाव दिए हैं। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि प्रदेश में 47 सीटें अादिवासी वर्ग के लिए सुरक्षित हैं, जिन पर इस वर्ग के मतदाताओं की संख्या 63 लाख है। इनमें से कांग्रेस के पास महज 15 सीटें ही, जबकि 22 पर भाजपा के विधायक है। इसी तरह 54 सीटें ऐसी हैं, जिनमें आदिवासियों की संख्या 26 लाख है, इनमें से प्रत्येक सीट पर 30 हजार से लेकर 70 हजार तक आदिवासी हैं। आदिवासियों को नहीं मिल सके पट्टे : आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह मकड़ाई का कहना है कि 2006 में यूपीए सरकार ने आदिवासियों के लिए पट्टे देेने की अनुमित दी थी, लेकिन आज तक इस वर्ग को फारेस्ट एक्ट के तहत पट्टे नहीं मिल सके। पेसा एक्ट लागू किया जाए : नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि राज्य सरकार चुनावी साल में जनजातीय वर्ग के वोटों को हथियाने के लिए आदिवासी दिवस पर ऐच्छिक अवकाश तो घोषित कर दिया, लेकिन पिछले 15 साल में कांग्रेस सरकार का बनाया पेसा ‘पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार)’ एक्ट जनजातीय बहुल क्षेत्रों में लागू नहीं किया है। एक्ट को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र भी लिखा है। बाला बच्चन और अजय शाह संभालेंगे कमान. सरकार बीते 4 सालों में सरकार आदिवासियों के कल्याण के लिए आवंटित बजट में से 4800 करोड़ रुपए खर्च नहीं कर पाई।
प्रमोशन में मिल रहे आरक्षण का लाभ भी सरकार की अकर्मण्यता के चलते बंद हो गया। विभिन्न अदालतों में 55 बार इस मामले की सुनवाई हुई, लेकिन सरकार अपना जवाब नहीं दे पाई। प्रदेश के 22 जिलों के 89 विकास खंडों में संविदा वर्ग-1, वर्ग-2 और वर्ग-3 के 40 हजार पदों में से 24000 रिक्त हैं।