भोपाल. प्रदेश कांग्रेस की पोल खोल अभियान कमेटी के अध्यक्ष एवं मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह झूठी योजनाऐं बनाकर और आश्वासन देकर प्रदेश के नागरिकों को गुमराह कर रही है। मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये निर्णयों का दस-दस साल तक पालन नहीं होता है। निर्णयों पर नौकरशाही के अनावश्यक दवाब और हस्तक्षेप को सरकार रोकने में अक्षम साबित हुई है। सुशासन के नारे की आड़ में यह एक चौपट राज का नमूना है।
श्री गुप्ता ने आरोप लगाया है कि जिन शिक्षकों का सम्मान राष्ट्रपति और राज्यपाल ने किया अब उनका अपमान करने के लिये शिवराज सरकार तुली हुई है। इसी सरकार ने वर्ष 2011 में कैबीनेट में निर्णय लिया था कि राष्ट्रपति और राज्यपाल पुरूस्कार जैसे प्रतिष्ठापूर्ण सम्मान से नवाजे गये प्रदेश के शिक्षकों को ‘आउट आॅफ टर्न’ प्रमोशन दिया जायेगा। ऐसे सहायक शिक्षकों को शिक्षक और शिक्षकों को माध्यमिक विद्यालय में प्रधान अध्यापक या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता बनाया जायेगा। इस निर्णय का बकायदा वर्ष 2012 में राजपत्र में प्रकाशन भी हुआ। यह निर्णय शिक्षकों केे प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिये लिया गया था, ताकि अन्य शिक्षक भी उनके व्यवहार और पढ़ाने के उनके हुनर से प्रेरित होकर उसे अपने आचरण में उतार सकें। श्री गुप्ता ने कहा कि इस निर्णय की पोल तब खुली जब तत्कालीन शिक्षा मंत्री पारस जैन एवं वर्तमान शिक्षा मंत्री दीपक जोशी को नोटशीट पर यह कहना पड़ा कि नौकरशाही द्वेषपूर्ण तरीके से काम कर रही है जो शर्मनाक है। फिर भी राष्ट्रपति और राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षकगणों को प्रमोशन का इंतजार करते करते छह-सात साल निकल गये और वे आज भी इंतजार ही कर रहे हैं।