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ब्लॉग – राजीव जी को श्रद्धांजलि
क्या आज जो भारत हम देख रहे हैं, वह राजीव गांधी की देन है। शायद अधिकांश लोग इसका जवाब दे नहीं पाएंगे। इसका कारण है कांग्रेस पार्टी ने बदलते राजनीतिक परिदृश्य में प्रचार का महत्व नहीं समझा। यह समझने में गलती हुई कि जिस 18 वर्ष के मतदाताओं को राजीव जी ने मत देने का अधिकार दिया वह बड़े पैमाने पर बुजुर्ग लोगों को शिफ्ट कर रहा था। यह आहट हम समझ नहीं पाएं यही कारण है कि वह युवा जिसे कांग्रेस के 21 वीं सदी के नेता राजीव गांधी ने ताकत दी वह कांग्रेस के इतिहास उसके गौरव और आज का इंडिया की नीवं रखने वाली पार्टी को पहचान नहीं सका। इस बीच वे ताकतें जो कांग्रेस पार्टी की बेफिक्री पर निगाह लगाकर बैठी थी, उन्होंने धीरे-धीरे जाल बिछाना शुरू कर दिया था। उन्होंने नई पीढ़ी को वह इतिहास समझाया जो था ही नहीं, क्योंकि वह अफवाह और झूठ पर लिखा गया इतिहास था। पूरे देश में इस बात की चर्चा कभी नहीं हुई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर में जो सुरंग का उद्घाटन किया या असम में सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया वह यूपीए सरकार की देन थी। यह सिर्फ प्रचार का ही तो खेल है और झूठ बोलने की बेशर्मी भी। बहरहाल विषयांतर न होते हुए मैं यह कहना चाहता हूं कि युवा शक्ति की जरूरत को राजीव गांधी ने महसूस किया था। इसलिए उन्होंने दो अस्त्र युवाओं के हाथों में सौंपे थे। एक 18 वर्ष में मताधिकार का और दूसरा कम्प्यूटर। आज घर में रहकर भी रोजगार के साथ युवा जी रहा है, खा रहा है, सो रहा है तो यह चमत्कार राजीव जी ने कर दिखाया था। जिस डिजिटल इंडिया की बात आज की जा रही है वह कब का राजीव जी ने भारत को बना दिया था। दूसरा अस्त्र था वोट देने का। युवा कैसा भारत चाहता है, उसके सपनों का भारत बने इसलिए वह सरकार बनाने में शामिल हो। यह ऐतिहासिक क्रांतिकारी निर्णय था जो राजीव गांधी के लिए। उन्होंने वास्तव में देखा जाए तो उन्होंने यह समझा था कि किन लोगों को सशक्त किया जाना चाहिए जिससे भारत का नव-निर्माण हो। उन्होंने इस पहचाना और उन्हें अधिकार दिए। युवाओं के बाद वे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचे और उन्होंने गांव और उनको संचालित करने वाली एजेंसी को अधिकार सम्पन्न बनाया। भारतीय संविधान के 73 वें संशोधन के साथ उन्होंने पूरे भारत वर्ष में पंचायत राज संगठन को ताकत दी। इससे एक नेतृत्व की नई पीढ़ी ने भारत के विकास में योगदान देना शुरू किया। आज अगर हम गांव-गांव में विकास की जो तस्वीर देख रहे हैं उसका रंग और तुलिका राजीव जी ने ही गांव वालों के हाथों में सौंपी थी। दूरदर्शन जिसने पूरी दुनिया को हमारे सामने रख दिया यह इंदिरा जी की देन थी लेकिन इसके पीछे की सोच राजीव जी की ही थी जो उन दिनों उनके साथ काम कर रहे थे। आज जिस आर्थिक उदारवाद के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री पी.वी. नरसिम्हा राव और श्री मनमोहन सिंह जाने जाते हैं इस आर्थिक सुधारवाद की नीवं राजीव जी ने ही रखी थी। उन्होंने अर्थव्यवस्था पर सरकारी नियंत्रण को कम करते हुए इनकम और कॉर्पोरेट टैक्स घटाया, लाइसेंस सिस्टम सरल किया और कम्प्यूटर ड्रग और टैक्सटाईल जैसे क्षेत्रों से सरकारी नियंत्रण खत्म किया, साथ ही कस्टम डयूटी भी घटाई और निवेशकों को बढ़ावा दिया और बंद अर्थव्यवस्था को उन्होंने खोला। चीन यात्रा का जो हौब्बा आज हमारे यहां खड़ा किया गया जिसमें नौंका विहार और झील सब शामिल थे पर याद रहे कि 1988 में राजीव जी की चीन यात्रा ने दोनों देशों के बीच खड़ी दीवार को गिराया था। 1954 के बाद भारत के प्रधानमंत्री की यह पहली चीन यात्रा थी। इस बात को भोंपू बजाकर नहीं बताया गया कि चीन के प्रीमियर डेंग शियोपिंग से 90 मिनिट तक राजीव जी की चर्चा हुई जो उस समय दुनिया की डिप्लोमेंसी में एक आश्चर्य था। तब शियोपिंग ने कहा था तुम ही भारत का भविष्य हो।
राजीव जी नहीं है पर उनके द्वारा बनाया गया आज का भारत हमारे सामने हैं। चार साल बनाम सत्तर साल का गाना लांच होने वाला है। पूरा भारतमय हो जाएगा। कांग्रेस-भाजपा में एक बुनियादी फर्क यही है कि कांग्रेस ने जो कुछ भी किया भारत के लिए किया उसे कभी अपना नहीं बताया और भाजपा जो कुछ भी कर रही है अपने लिए करती है और उसे दूसरों के लिए करना बताती है, वह ढोल इतना जोर से पीटती है कि लोग कान बंद कर लेते हैं और असलियत नहीं जान पाते। अब इसे आप कांग्रेस की कमी मानते हैं तो हां यह कमी है हममें। हम अपने लोगों से झूठ नहीं बोल सकते और मुफ्त का यश नहीं लूटते।
(लेखक मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं)