भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा है कि संवैधानिक संस्थाओं का अपमान और अपने राजनीतिक हित में उनका इस्तेमाल करना कांग्रेस की परंपरा रही है। आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी संभावित हार से बौखलाकर कांग्रेस अब निर्वाचन आयोग पर भारतीय जनता पार्टी के दबाव में काम करने और राम वन गमन पथ यात्रा रोकने जैसे दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रही है।
प्रदेश कांग्रेस की मीडिया संयोजक श्रीमती शोभा ओझा ने एक पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी पर निर्वाचन आयोग को प्रभावित करके कांग्रेस की राम वन गमन पथ रथयात्रा को रुकवाने का आरोप लगाया था। इसे कांग्रेस की कुत्सित मनोवृत्ति का नमूना बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के डॉ. विजयवर्गीय ने कहा है कि आज से नहीं, बल्कि दशकों पहले से कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करती रही है। 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने संविधान का मजाक उड़ाते हुए देश पर आपातकाल थोप दिया था। कांग्रेस के युवराज अपनी ही सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को सार्वजनिक रूप से फाड़कर संसद एवं एक निर्वाचित सरकार का अपमान कर चुके हैं।
डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि व्यापमं मामले में देश की सबसे बड़ी अदालत प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी गड़बड़ी की बात को खारिज कर चुकी है, लेकिन फिर भी कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को अदालतों में भटका रही है। उन्होंने कहा कि कांगेस पिछले चुनाव के समय से लगातार अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ती रही है, लेकिन जब कांग्रेस ने देखा कि उनकी इस बात को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है, तो अब वह निर्वाचन आयोग पर दबाव डाले जाने की बात कहकर नया प्रपंच रच रही है। डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई है, ऐसी स्थिति में किसी रथयात्रा या रैली की अनुमति देना निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। कांग्रेस को इस मुद्दे पर जो भी शिकायत है, उसके बारे में निर्वाचन आयोग से बात करनी चाहिए, लेकिन वह संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा का आदर करने वाली भारतीय जनता पार्टी पर अकारण कीचड़ उछाल रही है.
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