नंदू भैया ने तो तंबाकू भी छोड़ दी है…!

प्रदीप जायसवाल

भोपाल. नंदू भैया यानी नंदकुमार सिंह चौहान, एक सहज, सरल, मिलनसार और हंसमुख व्यक्तित्व. बीजेपी के लाड़ले राजनेता. मुख्यमंत्री की गुडबुक में शामिल और उनके चहेते भी. बीजेपी में महामंत्री रहते हुए केंद्रीय नेतृत्व की भी खूब दाद लूटी. कार्यक्रमों के संचालन में नंदू भैया की शेरों-शायरी के सब कायल. कार्यकर्ताओं का जबरदस्त उत्साह बढ़ाने वाले और हर समस्या के निराकरण के लिए तत्पर रहने वाले. बीजेपी महामंत्री रहते हुए कार्यालय का प्रभार भी रहा. दिनभर अपने कक्ष में आगंतुकों की चहल-पहल और नंदू भैया की चिट्ठी लिखने का क्रम जारी. मंत्रियों को पत्र लिखना, कार्यकर्ताओं और आम लोगों को बंगले या वल्लभ भवन तक फोन करके पहुंचाना जैसे उनकी अपनी ड्यूटी में शुमार. नंदू भैया प्रदेश अध्यक्ष रहते सिर्फ अपने बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहे. जब भी बोले, जो भी बोले, खुलकर बोले और ऐसा बोले कि चर्चा होना ही पर आजकल नंदू भैया के तेवर और मिजाज कुछ बदला-बदला है. बात-बात पर गुस्सा. बात-बात पर आंखें तरेरना. बात-बात पर चिड़चिड़ा जाना. क्यों आ रहा है नंदू भैया को इतना गुस्सा! सियासी हलकों में लोग अंदाज लगाने की कोशिश कर रहे हैं. समझना चाह रहे हैं नंदू भैया को आखिर हो क्या रहा है! क्या अब सांसद नहीं बनना है. बुरहानपुर से ही चुनाव लड़ना है. विधायकी के लिए ही अपनी उम्मीदवारी तय करवाना है. केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे के बावजूद उनके साथ भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का पोखरण दोहरा देना तो कोई कारण नहीं है. हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुलकर बता चुके हैं कि नंदू भैया को चुनाव की तैयारी करनी थी इसलिए उन्होंने खुद ही प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था. फिर गुस्सा बढ़ने का क्या कारण है! धार जिले के मोहनपुरा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरी कार्यसमिति में नंदू भैया से यह संकल्प भी लिया था कि अब वे तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करेंगे. जहां तक ज्ञात है नंदू भैया ने तो तंबाकू भी छोड़ दी है. फिर क्या कारण है उनके गुस्से का! सियासी गलियारों में खुसर पुसर हो रही है कि कुछ तो बात है जो नंदू भैया को अंदर ही अंदर खल रही है और वह कभी बुरहानपुर के कार्यक्रम में तो कभी टोल नाके पर कुछ इस तरह निकल रही है. अब यह तो नंदू भैया जाने पर जिस तरह की उनकी प्रकृति है, इस तरह बार-बार आपा खो देना, कम से कम यह सब उनके मिजाज से मेल तो नहीं खा रहा है. updatempcg.com

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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