मध्यप्रदेश में चुनाव का इतिहास

०००प्रलय श्रीवास्तव

मध्यप्रदेश में चुनाव का इतिहास काफी रोचक, निष्पक्ष एवं उत्साहपूर्ण रहा है। फिर वे चाहे विधानसभा अथवा लोकसभा के आम निर्वाचन रहे हो या फिर उप चुनाव। मध्यप्रदेश लोकतंत्र के प्रति सदैव अपनी गौरवशाली गरिमामय परम्परा का निवर्हन करता आया है। प्रदेश के जागरूक मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस पावन उत्सव में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है अर्थात अब तक हुए निर्वाचन में मतदान के प्रतिशत में निरंतर इजाफा हुआ है। लोकतंत्र के प्रति मतदाताओं की बढ़ती आस्था और विश्वास का ही परिणाम है कि यहाँ के चुनाव शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न होते आए है। वर्ष 1951 से 1957 और बाद के चुनावों में जहाँ संसाधन सीमित थे, वहीं 1980 के बाद उसमें निरंतर इजाफा हुआ। मतपेटियों का स्थान ईवीएम और वीवी पैट ने ले लिया है। अब मतदान से लेकर मतगणना तक की प्रक्रिया आसान और त्वरित तथा हाईटेक हो चुकी है।
लोकसभा सीटों को लेकर भी मध्यप्रदेश का रोचक इतिहास रहा है। अब तक लोकसभा के 18 आम चुनाव हो चुके है। मध्यप्रदेश के गठन के पहल वर्ष 1951 के पहले आम-निर्वाचन में जहाँ लोकसभा की 23 सीट थी तो वही वो 1977 के आम निर्वाचन से बढ़कर 40 हो गई, जो वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद घटकर 29 रह गई है। लोकसभा के पहले आम निर्वाचन में जहाँ मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 10 लाख 75 हजार 140 थी वही वह अब 5 करोड़ 2 लाख 91 हजार से भी ऊपर हो चुकी है।

इसी तरह वर्ष 1951 के विधानसभा आम-निर्वाचन में राज्य के गठन के पहले विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की संख्या 184 थी जो मध्यप्रदेश बनने के बाद वर्ष 1962 में 288, 1967 में 296 और 1977 के आम चुनाव में बढ़कर 320 हो गई। इसमें छत्तीसगढ़ के निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल थे। यह स्थिति वर्ष 1980, 1985,1990,1993, और 1998 में भी रही। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद वर्ष 2003 में हुए आम चुनाव से यह संख्या घटकर 230 रह गई है। कुल मिलाकर 1951 से वर्ष 2013 तक विधान सभा के 14 आम चुनाव हो चुके है। इस साल 15वीं विधान सभा के गठन के लिए निर्वाचन होगा। वर्ष 1951 के आम निर्वाचन में जहाँ एक करोड़ 55 लाख 13 हजार 592 मतदाता और मतदान का प्रतिशत 45.11 था वहीं छत्तीसगढ़ के पृथक गठन के बाद पिछले आम चुनाव-2013 में 4 करोड़ 66 लाख 36 हजार 788 मतदाता और मतदान का प्रतिशत 72.07 रहा। पहले आम निर्वाचन में मतदान केन्द्रों की संख्या लगभग दस हजार थी, जो अब बढ़कर 65 हजार 200 हो गई है।

आइये,मध्यप्रदेश के जागरूक मतदाता होने के नाते अपने चुनाव-इतिहास पर गर्व करने के साथ आगामी चुनाव में मतदान करने का संकल्प ले।

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(लेखक पूर्व में निर्वाचन कार्य से जुड़े रहे हैं)

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief