००बुंदेलखंड में बगावत, नाराज दिग्गजों ने भाजपा को हराने की खाई कसम
००कद्दावर ब्राह्मण नेता एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्या.पन्ना के पूर्व अध्यक्ष संजय नगायच अपने 20 हजार समर्थकों के साथ छोड़ेंगे पार्टी
०० भाजपा को हराने के लिए करेंगे प्रचार
पंकज पाराशर छतरपुर/नई दिल्ली. बुंदेलखंड में भाजपा में घमासान मचा हुआ है जहां दिग्गज भाजपाई भाजपा को हाराने की कसम खा रहे हैं वहीं पार्टी को अलविदा कह रहे हैंl पन्ना जिले के कद्दावर नेता बुंदेलखंड ही नहीं अपितु प्रदेश के ब्राह्मण चेहरे के रूप में चर्चित सहकारिता के दिग्गज जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष आरएसएस एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक रहे और प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारियों एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री रहे संजय नगायच भारतीय जनता पार्टी द्वारा टिकट वितरण मे पवई विधानसभा में क्षेत्रीय प्रत्याशी की बजाएं बाहरी प्रत्याशियों को टिकट दिए जाने के विरोध में एवं ब्राह्मण समाज एवं अपनी उपेक्षा से व्यथित होकर अपने 20 हजार समर्थकों के साथ में पवई में कार्यक्रम आयोजित करके भारतीय जनता पार्टी छोड़ने का एलान करेंगे l वह निर्दलीय अथवा किसी दल से चुनाव लड़ने की बजाय भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगे विदित हो विगत पंचवर्षीय से संजय नगाइच ने पवई क्षेत्र में ही नहीं अपितु पन्ना जिले में सामंत वादियों के खिलाफ मोर्चा खोला था 2006 में भारतीय जनता पार्टी ने सहकारिता क्षेत्र के बाहुबलीओं को दो दो हाथ करने के लिए संजय नगायच को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का अध्यक्ष नामांकित किया था, उन परिस्थितियों में सहकारिता चुनाव में संजय नगायच ने दो दो हाथ करके चारों खाने चित करते हुए सहकारिता क्षेत्र में भाजपा का परचम लहराया था तब पार्टी को सफलता दिलाने में और नीचे तक स्थापित करने में पार्टी ने उनकी वाहवाही की थी परंतु पवई विधानसभा में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और संजय नगाइच के स्थानीय होने के चलते एक वर्ग विशेष के नेताओं के दबाव के चलते तत्कालीन पवई विधायक एवं कृषि राज्य मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह एवं सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने उनको जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के निर्वाचित अध्यक्ष से षड्यंत्र पूर्वक भ्रष्टाचार के आरोप लगवा कर हटवा दिया थाl तबसे उनके बृजेंद्र प्रताप सिंह और संजय नगायच के आमने सामने का विरोध जगजाहिर हैl जिसको लेकर संजय नगायच ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और सभी आरोपों पर क्लीनचिट मिलते हुए बैंक अध्यक्ष की बहाली हुई और जीते थे बाद में बृजेंद्र प्रताप सिंह जी इसी घटनाक्रम और इसी विरोध के चलते 2013 का चुनाव बुरी तरीके से हारे थेl इसके बाद संजय नगायच को बृजेंद्र प्रताप सिंह के दबाव में भाजपा से निष्कासित करा दिया गया था संजय नगायच विगत 5 वर्षों से पवई क्षेत्र में क्षेत्रीय प्रत्याशी की मांग करके बाहरी नेताओं के लिए चारागाह बनी पवई विधानसभा में धन बलि बाहुबली सामंतवादी नेताओं का विरोध करके क्षेत्रीयता की आवाज बुलंद कर रहे हैं और सर्वदलीय क्षेत्रीय संघर्ष समिति बनाकर के प्रभावी बड़ा अभियान और आंदोलन चला रहे हैं ठीक चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित संजय नगायच को पार्टी ने उनके प्रभाव क्षेत्रीयता की जबरदस्त मुहिम के चलते और सामाजिक वोट बैंक के चलते पार्टी में लेते हुए टिकट के लिए मेरिट के आधार पर आश्वस्त किया था ज्ञात भी हुआ कि संघ और सर्वे नगाइच के पक्ष में थे परंतु ऐन वक्त पर पवई विधानसभा से पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया गयाl पन्ना जिले की ब्राह्मण बहुल तीनो सीटों पर पंडित संजय नगायच अच्छा खासा प्रभाव और दबदबा रखते हैंl सहकारिता के माध्यम से गांव-गांव उन्होंने किसानों गरीबों के बीच अपनी पैठ बनाई है और लोगों के सघन संपर्क में हैंl संजय नगायच जो कि बृजेंद्र प्रताप सिंह और सामंतवादियों से विगत 10 वर्षों से आमने सामने की लड़ाई लड़ रहे हैं ऐसी स्थिति में संभावना यह है कि वह बृजेंद्र प्रताप सिंह और भाजपा की मदद करने की बजाए अपने समर्थकों के दबाव के चलते पार्टी से त्यागपत्र देकर पन्ना जिले में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रचार करेंगे क्योंकि बहुसंख्यक ब्राह्मण, लोधी, पटेल, यादव समाज के लोगों का तत्कालीन मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह के कार्यकाल में भारी उत्पीड़न हुआ हैl जो एक लंबी खाई पन्ना जिले की राजनीति में बन गई है और यही बहुसंख्यक जातियां संजय नगाइच की अच्छी खासी समर्थक हैंl जिससे संभव है कि भारतीय जनता पार्टी को पन्ना जिले में भारी नुकसान होगा और बुंदेलखंड में भी इसका असर देखने को मिलेगा जिससे भाजपा को भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
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