मैं संघ और भाजपा के आँखों की किरकिरी : दिग्विजय •कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्यप्रदेश में बदलाव होकर रहेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का दावा है कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने जा रहा है। उनका मानना है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान अकेले पड़ चुके हैं और जनता भाजपा से नाराज थी, इसका खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ेगा। दिग्विजय सिंह से विस्तार से बातचीत।

– मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव पर क्या प्रतिक्रिया है? क्या चुनावी हवा कांग्रेस के पक्ष में रही?
– चुनाव के एक हफ्ते पहले से हवा बदली। मतदाता पहले मौन था, लेकिन फिर मुखर हो गया। हमारे सर्वे में भी काफी तेजी से परिवर्तन हुआ। मैं अब निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि 126-135 सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल कर रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की सीटों की संख्या इससे बढ़ सकती है, कम नहीं हो सकती। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बदलाव के लिए जी-जान से मेहनत की है।
– 2003 में आपको अहसास नहीं हुआ था कि सरकार बदल रही है। फिलहाल शिवराज सिंह चौहान चौथी बार भाजपा सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हैं।
– सरकार बदल रही है क्योंकि प्रदेश की जनता दुखी है। वादे-घोषणाएं कीं पर वे पूरी नहीं हुईं। उद्योग नहीं आए, किसान परेशान रहा, महिलाएं असुरक्षित हैं, नौजवानों को रोजगार नहीं मिला। इसकी वजह से जनता नाराज रही। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि 2018 में शिवराज सिंह के साथ वही स्थिति बनी, जो मेरे साथ 2003 में बनी थी। उस समय मैं अकेला पड़ गया था और शिवराज इस समय अकेला पड़ गया है।
– वह आरोप जिसमें 2003 में सत्ता परिवर्तन के लिए आपको जिम्मेदार ठहराया जाता है। 2018 में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम योगदान देकर क्या वह कर्ज उतारने की तैयारी है?
– मैं कांग्रेस पार्टी का समर्पित सिपाही हूं और मुझे जो कुछ मिला, वह कांग्रेस पार्टी से मिला है। मैं कुछ भी कर लूं लेकिन कांग्रेस पार्टी का कर्जा जो मुझ पर है, वह कर्ज कभी नहीं उतार सकता।
– यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं उनके खिलाफ क्या कार्यवाही करेगी सरकार?
– जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए जन आयोग बनाया जाएगा। इसकी समयसीमा का निर्धारण सरकार तय करेगी।
– मध्यप्रदेश में सरकार बनी, तो आप कोई जिम्मेदारी संभालेंगे?
– मैं देश की राजनीति में 14 साल से एक्टिव नहीं था। सवा-डेढ़ साल से एक्टिव हुआ हूं। मध्यप्रदेश में सरकार बनने पर पार्टी क्या जिम्मेदारी देती है, वह देखेंगे।
– यदि कांग्रेस की सरकार बनी, तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
– मुख्यमंत्री प्रदेश का होता है किसी एक का नहीं। जिसको विधायक चाहेंगे, वह बन जाएगा। मेरी भागीदारी सरकार बनवाने की रहेगी। मेरी सरकार में कोई भूमिका नहीं रहेगी।
– क्या विधान परिषद का गठन होगा?
– मध्यप्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जहां से कोई विशिष्ट व्यक्ति विधानसभा में चुनाव जीतकर नहीं पहुंच सकता। बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो काबिल होते हुए भी चुनाव नहीं जीत सकते। कलाकार, गायक, नाटककार, पत्रकार सभी का कभी भी प्रतिनिधित्व विधानसभा में नहीं हो पाता। लोकल बॉडी, ग्रेजुएट काउंसिल बगैरह भी हैं। इन सबके लिए विधानपरिषद बनना चाहिए।
– समन्वय का श्रेय आपको जाता है। कोई कसक?
– पूर्ण रूप से लगभग सभी 194 सीटों पर हमने समन्वय स्थापित किया। कार्यकर्ताओं से वन टू वन चर्चा की। जो जमीनी हकीकत थी, वह भी हम जान सके। पर समन्वय में भी सभी का योगदान है। चूंकि कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट थे। ऐसे में दो-चार सीटों पर जो बगावत हुई है, उसका दुख रहेगा। राजनगर से नितिन चतुर्वेदी, जावरा से डॉ. राठौर, झाबुआ से जेबियर मेड़ा, बड़वानी से राजेंद्र मंडलोई बारासिवनी से जायसवाल। यदि ये लोग बगावत कर चुनाव न लड़ते तो अच्छा होता।
– भाजपा ने आप पर देशद्रोह का आरोप लगाया। भीमा-कोरेगांव में नाम उछाला। क्या यह सब राजनीति में मर्यादा का उल्लंघन नहीं है?
– मुझे उस पर ऐतराज नहीं है। अगर मैंन देशद्रोह किया हो। मैंने कोई नियम-कानून तोड़ा हो तो सरकार के पास कार्यवाही करने की पूरा अधिकार है। यदि सरकार मुझे फंसाने के लिए साजिश करती है तो मध्यप्रदेश में मेरे खिलाफ जो भी बयान आए हैं, वह राजनैतिक मर्यादाओं का साफ तौर पर उल्लंघन है। चाहे देशद्रोह की बात हो या भीमा कोरेगांव की, यदि प्रभाव है तो मेरे ऊपर कार्यवाही करो।
– भाजपा के लोग आप पर धार्मिक न होने का आरोप लगाते हैं?
– धर्म और राजनीति के बारे में महात्मा गांधी को पढऩा चाहिए। धर्म हमें संस्कार व संस्कृति की सीख देता है। इनसे राजनीति चलनी चाहिए। जब लोग कहते हैं कि मैं धार्मिक नहीं हूं, तो मुझे हंसी आती है। मैं धार्मिक था, हूं और रहूंगा। आपत्ति ये है कि धर्म का राजनीति में दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। भाजपा के लोगों से हम कहते हैं कि राम का नारा लगाते हो, तो सीता मां को क्यों छोड़ देते हो।
– भाजपा-आरएसएस के निशाने पर दिग्विजय सिंह क्यों रहते हैं?
दिग्विजय सिंह भाजपा-आरएसएस की आंख की किरकिरी हैं। मैं उनकी धार्मिक उन्माद बढ़ाने वाले षड्यंत्र को उजागर करता हूं। धर्म का दुरुपयोग नहीं करने देता, कलई खोल देता हूं।
– चुनाव के पहले राम मंदिर का मुद्दा उछालना, किस तरह देखते हैं?
– देश का हर व्यक्ति राम मंदिर बनाने के पक्ष में है। चूंकि मामला विवादास्पद है और नरेंद्र मोदी जी पहले कह रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे। लेकिन राजनीतिक फायदा उठाने की आदत भाजपा की शुरू से है।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief