ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी से पारदर्शिता पर लगा प्रश्नचिन्ह

भोपाल, 01 दिसम्बर, 2018
(Update/दैनिक जयहिन्द न्यूज)।
देशभर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की वकालत करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार पांच राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव कराने का साहस नहीं जुटा पाई है। देशभर में खिसकते अपने जनाधार से घबराई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पांच राज्यों में अपनी सरकार की स्थापना करने के लिए चुनाव आयोग के माध्यम से अलग-अलग तिथियों में चुनाव कार्यक्रम तो घोषित करा लिया है लेकिन इन राज्यों में सत्ता में पहुंचने की भूख के चलते ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी कर चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह आरोप प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी श्रीमती शोभा ओझा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर लगाया है।

श्रीमती ओझाा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद ईवीएम मशीनों के रखरखाव को लेकर जिस तरह की गड़बड़ियां उजागर हो रही है उससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता के साथ-साथ सरकार की अक्षमता भी प्रमाणित हो रही है। पांच राज्यो में एक साथ नही हो सका चुनाव तो पूरे देश में कैसे हो सकेगा। उन्होंने सवाल उठाया है कि आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि देश के पास सुरक्षा कंपनियों तथा सुरक्षा के पर्याप्त संसाधन की होने के बावजूद उसने मप्र, छतीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलांगना में अलग अलग तिथियों में क्यो चुनाव करवाया। चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़, मप्र और राजस्थान के विधान सभा चुनाव यानी मतदान में 8 से 10 दिन का अंतर रखा और मतगरणा सभी की एक साथ यानी 11 दिसम्बर को रखी।

श्रीमती शोभा ओझा ने आगे कहा कि ईवीएम को लंबे समय या कई दिनों तक स्ट्रांग रूम में रखने से न सिर्फ विसंगतियां पैदा हो रही है, बल्कि सत्तारूढ़ दल को ईवीएम में गड़बड़ी करने का पूरा मौका मिल रहा है। कई स्थानों पर चुनाव कार्य में लगी सरकारी मशीनरी और स्ट्रांग रूम की प्रबंध व्यवस्था संदेह के घेरे में आ चुकी है। उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के इशारों पर प्रशासनिक अधिकारी ईवीएम मशीनों में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ कर सकते है। यही कारण है कि चुनाव के दौरान अपनी कार्यप्रणाली से सन्देह के घेरे में आ चुके प्रदेश के प्रशासन तंत्र तथा चुनाव आयोग द्वारा स्थापित किए गए स्ट्रांग रूम की चैकसी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को करनी पड़ रही है। जबकि भाजपा कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए तैनात नही है। एक साथ चुनाव कराने की बात करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार की क्षमता पर देश में भिन्न-भिन्न तिथियों में विधानसभा निर्वाचन कराने से प्रश्नचिन्ह लगना स्वभाविक है। इससे आयोग की भूमिका पर भी प्रश्न उठने लगे हैं। इससे भाजपा का पूरे देश मे एक साथ चुनाव कराने का दावा बेमानी ओर खोखला प्रतीत हो रहा है साथ ही इन परिस्थितियों मे उसके द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने की बात पर कतई यकीन नही किया जा सकता।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief