बमनाला से लेकर मुंबई तक का सफर
आज कुछ खास, टैलेंट बोलता है


•मुकेश जायसवाल
बमनाला खरगोन, (Update/दैनिक जयहिन्द न्यूज)। एक छोटे से गांव बमनाला के एक मध्यमवर्गीय परिवार का लड़का, जो कि दिव्यांग होने के बाद भी अपने हौसले से परिवार और गांव का नाम पूरे प्रदेश में रोशन कर रहा है।
योगेंद्र गजराज सिंह चौहान निवासी बमनाला ने वैज्ञानिक के पद पर पहुंचकर गांव को पहचान दिलाई।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा गॉव के ही शासकीय स्कूल से हुए। इसके पश्चात B Sc खरगोन के शासकीय कॉलेज से की ओर M.Sc केमिस्ट्री में स्कूल ऑफ केमिकल साइंस इंदौर से की ।
एवं M.Phil. उज्जैन से की ।
शिक्षा के क्षेत्र में रुचि होने से प्रर्म में निःशुल्क अपने गांव की स्कूल में पढ़ना प्रारम्भ किया, उसके पश्चात मण्डलेश्वर, बड़वाह खंडवा एवं गर्ल्स कॉलेज खरगौन और शासकीय कॉलेज खरगोन में अपनी सेवाएं अतिथि विद्वान के रूप में थी।
इस वर्ष इनका चयन भारत सरकार के स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया में वैज्ञानिक बी के पद पर हुआ है।
पैर में परेशानी और दिव्यांगता भी इनके हौंसलों को नही रोक पाई, जो एक सामान्य व्यक्ति जीवन जीता है उसी प्रकार जीवनयापन कर विकलांगता को हरा कर एक आदर्श जीवन जीने की कला है जो कि प्रेरणा देते हैं दूसरों को भी कि जीवन मे हर एक कार्य संभव है, केवल लगन और मेहनत की जरूरत है।
You must be logged in to post a comment.