‘हिंदुस्तान को परिवार की तरह देखिए, मतभेद तो परिवार में भी होते हैं’

मनुष्य संभावनाओं का पुंज, वह सुख से चाहता है जीना

राष्ट्रीय एकता एवं समाजिक समरसता पर व्याख्यान के साथ शौर्य स्मारक एवं मानव संग्रहालय का किया भमण

भोपाल(Update/दैनिक जयहिन्द न्यूज)। मनुष्य संभावनाओं का पुंज है, वह प्यार और मोहब्बत से जीना चाहता है। कोई नहीं चाहता कि किसी का खून बहे। कश्मीर की खूबसूरत वादियों को हमने फिल्मों के माध्यम से देखा है और आज इतनी खूबसूरतआ जमीं पर इस तरह का मंजर क्यो हैं? जहां आज हर दस कदम पर एक फोजी खड़ा है। समाधान तो बातचीत से ही संभव है हम मिलकर भाईचारे को कायम रखे, यह विचार एमसीयू के कुलसचिव संजय द्विवेदी ने जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान भोपाल में व्यक्त किए वह नेहरू युवा केन्द्र संगठन गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित “वतन को जानो” कार्यक्रम में कश्मीरी युवाओं को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत के नौजवानों के पास कई अवसर हैं उनकी प्रतिभा का विस्फोट होना अभी बाकी है ज़रुरत है उसे सही दिशा देने की। विश्व के कई देश प्रगति के सौपान पर पहुंच गये है, लेकिन प्रगति की भी एक सीमा होती है। हमें वही कार्य करना चाहिए जिससे आनंद मिलता हो। भारत को परिवार की तरह देखना चाहिए मतभेद तो घर में भी होता है। हम परवाह करने वाले लोग हैं। मदद करना हमारा स्वभाव है, और यही इंसानियत हैं। कश्मीर के सभी साथियों से आव्हान करते हुए कहा कि अच्छे लोगों का एक समूह होना चाहिए। लोगों को यह पता होना चाहिए कि कश्मीर में बारुद के कारखाने नहीं बल्कि एक समय में तंत्र साधना का प्रमुख केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर हमें गर्व होना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में हर आदमी के लिए जगह है। संविधान सभी को बराबरी का हक देता है लेकिन सरकारें भेदभाव करती हैं।

वहीं वक्ता प्रोफेसर डॉ सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि भाषा, संस्कृति, खान-पान एवं रहन सहन भिन्न हो लेकिन हम सब की तहजीब एक हैं। विचारधारा के आधार पर बटा हुआ देश कभी तरक्की नहीं कर सकता है। हम सबको मिलकर मुल्क की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए। विष्णु पुराण का उद्धरण देते हुए कहा कि विष्णु पुराण में वर्णित है कि कश्मीर वह भूमि हैं जहां देवता भी आने के लिए तरसते हैं। आतंकवाद आज की चुनौती नहीं है यह तो हजारों सालों से चला आ रहा,वस मुखौटे बदलते रहते हैं। जिसने कश्मीर नहीं देखा और रश्क होना चाहिए। दूसरे सत्र में
अंतरराष्ट्रीय कवि और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चौधरी मदन मोहन समर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वतन को जानने से पहले स्वयं को जानना होगा। मीडिया में जैसा दिखाया जा रहा है वैसा वास्तव में नहीं है। कश्मीर की गलियों में भी वैसा ही सुकून है जैसा हमारे यहां। उन्होंने सफेद चादर कहानी के माध्यम से कश्मीर में हो रही घटनाओं पर दर्द व्यक्त किया और *थाम तिरंगा करो घोषणा हिंदुस्तान जवान है* कविता के माध्यम से युवाओं में देश भक्ति का संचार किया। अध्यक्षता राज्य निदेशक श्री त्रिलोकी नाथ मिश्रा ने की। अतिथियों का स्वागत जिला युवा समन्वयक डॉ. सुरेंद्र शुक्ला, राहुल तिवारी ने किया। कार्यक्रम का संचालन सुनील साहू एवं आशुतोष मालवीय ने तथा आभार दीपक बैरागी ने व्यक्त किया।

शौर्य स्मारक और मानव संग्रहालय का किया भ्रमण

शौर्य स्मारक में सभी युवाओं ने भारत के वीर सपूतों की शहादत को याद करते हुए करते हुए यादों को सेल्फी में केद किया।
मानव संग्रहालय में भम्रण के साथ भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति से रूबरू हुए।तृतीय दिवस में युवाओं को सांची स्तूप एवं ताजुल मस्जिद का भ्रमण कराया जाएगा तथा शाम को मध्यप्रदेश एवं कश्मीर के युवाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief