चुनाव हारे, तो मंत्रियों को रखना होगा टेबल पर अपना इस्तीफा

लोकसभा को लेकर सरकार हुई गंभीर

प्रदीप जायसवाल

भोपाल, Update/जयहिन्द न्यूज़। यूं तो कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए मिशन-20 का लक्ष्य रखा है, लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर सभी 29 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है. बताते हैं कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रियों को दो टूक हिदायत दी है कि यदि उनके लोकसभा क्षेत्र में पार्टी का प्रत्याशी हारा तो संतोषजनक सफाई नहीं दे पाने पर उन्हें 2 मिनट के भीतर अपना इस्तीफा उनके समक्ष टेबल पर रखना होगा.

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ हाईकमान की मंशा के अनुरूप मध्यप्रदेश में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. बीजेपी सरकार के दौरान 3 सीटों में एक खुद कमलनाथ की छिंदवाड़ा और दूसरी ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना सीट ही कांग्रेस के खाते में आ सकी है, जबकि तीसरी झाबुआ-रतलाम सीट पर कांतिलाल भूरिया ने उपचुनाव में जीत दर्ज की है. दिल्ली, कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से बड़ी उम्मीद लगाए हुए है. गत लोकसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों में उसे कोई खास सफलता हासिल नहीं हो सकी है. मध्यप्रदेश में 3 सीट, राजस्थान में एक भी नहीं और छत्तीसगढ़ में मात्र 1 सीट पर ही उसे संतोष करना पड़ा है. पिछले लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से पार्टी कुछ ऐसी सीटें हार गई, जिन पर प्रत्याशी तो दमदार थे, लेकिन सेबोटेज के कारण वह डबल डिजिट तक भी नहीं पहुंच सकी. इस बार सत्ता और संगठन की कमान संभाले हुए मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में भी सक्रियता बढ़ाने के लिए निर्देशित किया है. सीएम ने साफतौर पर कहा है कि पार्टी का प्रत्याशी चाहे कोई भी हो, किसी भी सूरत में उसकी पराजय नहीं होनी चाहिए. यदि ऐसा हुआ तो संबंधित मंत्रियों को तुरंत अपना इस्तीफा सौंपना पड़ेगा. गौरतलब है कि वरिष्ठ नेता अजय सिंह 2014 का लोकसभा चुनाव सतना संसदीय सीट से महज कुछ हजार वोटों से ही हारे थे और इसके पीछे भितरघात सबसे बड़ा कारण था. इधर, दिल्ली और भोपाल ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है. एआईसीसी और तमाम एजेंसियों के अलावा अपने-अपने स्तर पर सर्वे करवाकर फीडबैक जुटाया जा रहा है. प्रदेश मुख्यालय को भी विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा दावेदारों के आवेदन मिल चुके हैं. अब तक प्रत्याशी चयन के लिए पहले दौर का सर्वे समाप्त हो चुका है और रिपोर्ट अपने-अपने स्तर पर भोपाल से लेकर दिल्ली तक दी जा रही है. सीएम ने न केवल लोकसभा क्षेत्र का लक्ष्य दिया है, बल्कि अपने मंत्रियों को सार्वजनिक तौर पर तोल मोल कर बोलने की हिदायत भी दी है.

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief