• गांधी पहले स्वयं में बदलाव की बात करते थे : डॉ.पालीवाल
• राष्ट्रीय एकता शिविर में युवा संसद एवं बौद्धिक सत्र
भोपाल, UPDATE/जयहिन्द न्यूज़।
‘आज की वर्तमान युवा पीढ़ी जिस तेजी से टेक्नोलॉजी से जुड़ रही है और धीरे-धीरे समाज के नैतिक मूल्य व सामाजिक सरोकारों से दूर होती जा रही है यह चिंता का विषय है,निरंतर संवाद हमारी चेतना को जागृत रखता हैं और साहित्य उन्हीं मूल्यों को जिंदा रखने का कार्य करता हैं’ यह विचार वरिष्ठ साहित्यकार एवं रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री.संतोष चौबे ने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर में सहभागिता करने आए 11 राज्यों के शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए वक्त किए। उन्होंने कहा कि अधिक सफलता हमें अक्रातं करती है और हम धीरे- धीरे समाज से कट जाते हैं, ऐसे में रासेयो आपको समाज के बीच जाकर वास्तविक हालातों से रुवरु कराता है।राष्ट्रीय सेवा योजना का लक्ष्य गीत नई ऊर्जा का संचार करता है तथा स्वयं को प्रकृति के साथ जोड़ता है।आपके छोटे- छोटे प्रयास आपके व्यक्तित्व को बदलने में कारगर साबित होंगे।स्वतंत्रता से पहले देश में अलग चुनौतियां थीं और आज अलग हैं।दूसरे सत्र में वक्ता मुख्य आयकर आयुक्त मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ डॉ.आर.के.पालीवाल ने कहा कि गांधी जी कहते थे कि अधिकांश समस्याओं का समाधान एक दूसरे से मिलकर संभव है,उन्होंने गांधी-150 के सन्दर्भ में बोलते हुए कहा कि गांधी हम भारतीयों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए आदर्श हैं। हम अहिंसा से विश्व में अमन,चैन और मोहब्बत कायम कर सकते हैं। गांधी पहले स्वयं में बदलाव की बात करते थे इसलिए 150 वर्षों के बाद भी उनके विचार शाश्वत है। भारतीय दर्शन सब के कल्याण की बात करता है, हमारी लोक परंपराएं, तीज त्यौहार, उत्सव इस बात का प्रमाण है। विश्वविद्यालयों में पढाएं जा रहे पाठ्यक्रम हमारे व्यक्तित्व को बनाने में 5 से10 प्रतिशत भूमिका निभाते है उसके बाद तो हम परिवेश से सीखते हैं। अंत में उन्होंने कहा कि आप अपनी भाषा पर गर्व करिए, क्योंकि भाषा संस्कृति के प्रवाह का सशक्त माध्यम हैं। जो भी संस्कृति विकसित हुई है वह अपने भौगोलिक परिवर्तन के कारण है लेकिन विविधतापूर्ण होते हुए भी हम एक हैं यह हमारी वैश्विक दृष्टि है। उन्होंने युवाओं से आव्हान करते हुए कहा कि व्यक्तिगत हितों को भूलकर राष्ट्र के लिए सोचे, हमारे नज़दीक आने में, एक दूसरे से मिलने में जो आनंद है वह आलोचना करने में नहीं हैं।आप जहां भी जाएं वहां अपनी भाषा पर गर्व करे।
युवा संसद एवं पौधरोपण
इस अवसर पर प्रतिभागियों के बीच छः विषयों पर युवा संसद आयोजित की गई तथा स्वयंसेवकों ने परिसर में 100 से अधिक छायादार व फलदार पौधों का रोपण किया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय आईक्यूएसी एवं अटल इन्क्यूवेशन सेंटर के निदेशक श्री नितिन वत्स उपस्थित रहे।
You must be logged in to post a comment.