0 3767 किमी सड़क मार्ग से चलकर 61 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंची न्याय यात्रा

सागर. सागर जिले में न्याय यात्रा का छठवां चरण पूरा होने के साथ ही विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के 61 विधानसभा क्षेत्रों में 3767 किलोमीटर की सड़क यात्रा पूरी हो गई है । इस दौरान 88 से अधिक जनसभाएं कीं और रोड शो भी किए जिसमें आम जनता ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर न्याय यात्रा को पूरा समर्थन दिया। न्याय यात्रा के दौरान मिले समर्थन से यह स्पष्ट है कि लोग शिवराज सरकार से हताश हैं और अब बदलाव के लिए संकल्पित हैं। 5 अप्रैल को उदयपुरा से न्याय यात्रा की शुरुआत की थी जो 6 अप्रैल को भोपाल में समाप्त हुई । इस दौरान उदयपुरा, सांची और सिलवानी में न्याय यात्रा निकाली गई। न्याय यात्रा का दूसरा चरण 16 अप्रैल से चित्रकूट से शुरू हुआ जो ब्यौहारी में समाप्त हुआ। इस यात्रा के जरिए विंध्य क्षेत्र की 15 विधान सभा जिनमें सतना, चित्रकूट, रैगांव, रामपुर बघेलान, नागौद, मैहर, उमरिया, बांधवगढ़, जैतपुर, जयसिंह नगर, शहडोल, अनूपपुर, कोतमा, पुष्पराजगढ़ और ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्रों में न्याय यात्रा पंहुची | यह यात्रा 20 अप्रैल को समाप्त हुई।
न्याय यात्रा का तीसरा चरण 29 मई को रीवा जिले के गोविंदगढ़ से शुरू हुआ और 2 जून को रीवा में इसका समापन हुआ। इस यात्रा में गुढ़, चुरहट, धौहनी, देवसर, सिंगरौली, चितरंगी, सिहावल, सीधी, मउगंज, देवतलाब, मनगवां, सेमरिया, सिरमौर, त्योंथर, और रीवा पहुंचकर 15 विधानसभा क्षेत्र में न्याय यात्रा के जरिए आम जनता में जन जागरण किया।
न्याय यात्रा का चौथा चरण 11 से 14 जून तक बुंदेलखंड क्षेत्र में बांदकपुर से निवाड़ी तक चला। इस यात्रा में दमोह, पथरिया, जबेरा, हटा, पवई, गुन्नौर, पन्ना, छतरपुर, महाराजपुर, चंदला, राजनगर, बिजावर, बड़ा मल्हेरा, टीकमगढ़, पृथ्वीपुर, निवाड़ी और खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभाएं कीं।
यात्रा का पांचवा चरण 23 और 24 जुलाई को कटनी से विजयराघवगढ़ तक चला। इस दौरान विजयराघवगढ़, बहोरीबंद, और बड़वारा विधान सभा क्षेत्र में न्याय यात्रा निकाली।
हाल ही में 20 अगस्त से आरम्भ हुआ सागर जिले में न्याय यात्रा का छठवां चरण 21 अगस्त को सम्पन्न हुआ। गढ़ाकोटा से बीना तक निकाली गई इस यात्रा के दौरान बीना, खुरई, सुरखी, देवरी, रहली, नरियावली, सागर और बंडा विधानसभा क्षेत्र में विशाल जन सभाएं और रोड शो हुए। छठे चरण की न्याय यात्रा के दौरान 16 जिलों में दस्तक दी और पाया कि जनता में भाजपा सरकार के प्रति भारी आक्रोश है और वह परिवर्तन चाहती है। इसका मुख्य कारण है कि शिवराज सरकार ने 14 साल में जो कहा वह जनता तक नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री भले ही प्रमाण इस बात का दें कि उन्होंने किसानों को 35 हजार करोड़ रुपये बांटे लेकिन किसान को आज भी उसकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है और जब वह अपना हक मांगने सड़कों पर उतरता है तो उसकी छाती गोली से छलनी कर दी जाती है। प्रदेश का किसान 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा है। पिछले 15 सालों में 20 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं इसलिए किसान हताश हैं। महिलाओं, बेटियों की सुरक्षा का प्रमाण शिवराज जी देते हैं लेकिन सच यह है कि आज देश में महिलाओं/बच्चियों के साथ हो रहे शारीरिक अत्याचार में मध्यप्रदेश पूरे देश में नम्बर एक पर है इसलिए महिलाएं हताश हैं। मुख्यमंत्री कुपोषण कम होने का दावा करते हैं लेकिन आज भी मध्यप्रदेश कुपोषण में नम्बर एक पर है। बेरोजगारों को रोजगार देने का नौटंकी करते हैं। और दूसरी ओर व्यापम और पीएससी जैसे घोटाले कर युवाओं से रोजगार का हक छीनते हैं इसलिए युवा निराश है। शिक्षा और स्वास्थ्य वदतर हालत में हैं। 14 साल में शिवराज ने सिर्फ प्रचार-प्रसार और ब्रांडिंग कर जनता के बीच में चकाचौंध ही बताई लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है। 2018 के चुनाव में शिवराज सरकार अब चाहे कितनी भी चाल चल ले लेकिन जनता बहकावे में नहीं आयेगी और बदलाव करके रहेगी ।