सुरक्षा मानकों को पूरा करने पुलिस करेगी स्कूली बसों की जांच

स्‍कूली वाहनों में सुरक्षा मानकों का पालन कराने के निर्देश

पीएचक्‍यू की पीटीआरआई शाखा द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी

भोपाल,UPDATE.4 जून 2019। स्कूली बच्चों के परिवहन के दौरान बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो। स्कूली वाहनों के संचालन के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाय। इस आशय के निर्देश पुलिस मुख्यालय की पीटीआरआई शाखा द्वारा परिपत्र के जरिए भोपाल व इंदौर के पुलिस उप महानिरीक्षकों सहित प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए हैं।पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार सिंह द्वारा अनुमोदित यह परिपत्र विशेष पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई श्री पुरुषोत्तम कुमार शर्मा ने जारी किया है।

सभी पुलिस अधीक्षको को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले के प्रत्येक थाने के अंतर्गत स्कूली वाहनों की नियमित जांच कराकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन कराएं। विशेष पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई श्री शर्मा ने प्रपत्र में स्पष्ट किया है कि वाहनों की चेकिंग के दौरान बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होना चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाय कि बस संचालक भी कार्रवाई से बचने के लिए बच्चों व पालकों को परेशान न करें। उन्होंने परिपत्र में जिक्र किया है कि वाहन मालिक, वाहन चालक, परिचालक व स्कूल प्रशासन की गलती की वजह से होने वाली स्कूली बसों की दुर्घटनाओं का खामियाजा बच्चों व उनके अभिभावकों को भुगतना पड़ता है । साथ ही जनमानस में पुलिस के प्रति विपरीत छवि निर्मित होती है। इसलिए पुलिस पूरी गंभीरता के साथ वाहनों की चेकिंग करे।श्री शर्मा ने इस संबंध में राज्‍य शासन को पत्र लिखकर समस्‍त शासकीय एवं अशासकीय स्‍कूलो में निर्देशो का पालन आवश्‍यक रूप से कराए जाने हेतु लिखा है।

ये हैं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश

स्कूल बस के आगे व पीछे बड़े एवं पढ़नें योग्‍य अक्षरों में स्कूल बस लिखा जाये। यदि बस किराये की है तो उस पर आगे एवं पीछे विद्यालयीन सेवा (ऑन स्कूल ड्यूटी) लिखा जावे। विद्यालय के लिए उपयोग में लायी जाने वाली किसी भी बस में निर्धारित सीटों से अधिक संख्या में बच्चे नहीं बैठाए जाएँ। प्रत्येक बस में अनिवार्य रूप से फर्स्‍ट एड बाक्स की व्यवस्था हो। बस की खिड़कियों में आड़ी पट्टिय (हॅारीजेंटल ग्रिल) अनिवार्य रूप से फिट होना चाहिए। प्रत्येक बस में अग्नशिमन यंत्र की व्यवस्था हो। बस पर स्कूल का नाम एवं टेलीफोन नंबर अवश्य लिखा हो।बस के दरवाजे पर सुरक्षित सटकनी लगी हो।वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का न्यूनतम 5 वर्ष का अनुभव होना चाहिए तथा वाहन चालक पूर्व में ट्रॅाफिक नियमों के उल्लघंन का दोषी नहीं ठहराया गया हो। मोटर वाहन नियम 17 के अनुसार प्रत्येक बस में बस चालक के अतिरिक्त एक अन्य योग्य व्यक्ति की व्यवस्था होना चाहिए। बच्चों के बस्ते रखने के लिए सीटों के नीचे जगह की व्यवस्था की जानी चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से बच्चों को ले जाते समय बस में एक व्यक्ति एस्कॉर्ट तथा एक शिक्षक की व्यवस्था भी होना चाहिए।updatempcg.com

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief