• ब्रह्माकुमारीज रोहित नगर सेवा केंद्र पर कार्यक्रम आयोजित
भोपाल 24 जून। दुनिया में आज हर कोई शांति की तलाश में हैं। जब तक खुद के स्वभाव में बदलाव नहीं लाएंगे शांति नहीं मिलेगी। शीतल स्वभाव और वाणी में मीठे बोल अपनाने से शांति मिलेगी। साथ ही व्यवहार में नम्रता आएगी और क्रोध भागेगा। यह बात ब्रह्माकुमारीज रोहित नगर सेवा केंद्र प्रभारी डॉ बीके रीना बहन ने ब्रह्माकुमारीज़ परिवार की प्यारी मां एवं ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका बाल ब्रह्मचारिणी महातपस्विनी यज्ञ माता मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी की 54 वीं पुण्य स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मां की विशेषता बताते हुए कहीं।
बीके डॉ रीना दीदी ने मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी की विशेषताओं एवं शिक्षाओं से सभी को अवगत कराते हुए कहा की मां शीतल स्वभाव की मूर्ति थी। उनके जीवन में जीवन में दिव्यता, सत्यता, पवित्रता कूट-कूट कर भरी थी उनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है कि गुणों को धारण करना चाहिए। सभी को अपने जीवन में गुणवान बनना है, सभी के गुणों को देखना है और गुण दान करना है। डॉ रीना दीदी ने सभी से आह्वान किया की आप यज्ञ माता के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को विश्वकल्याण और विश्व परिवर्तन की लिए अग्रसर करें। मां ने अपने जीवन में कभी भी अभिमान नहीं रखा, नम्रता की सीख दी क्रोध से बचने की शिक्षा दी। वे प्रेम की मूर्त और शांति की अवतार थीं। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के भाई-बहनों ने यज्ञ माता को श्रद्धा सुमन समर्पित किए एवं उनके द्वारा बताए गए पदचिन्हों पर चलने के संकल्प भी लिए।updatempcg.com
You must be logged in to post a comment.