विपत्ति में जो साथ निभाए, वही सच्चा मित्र : विवेक कृष्ण शास्त्री

कथा में श्रद्धालुओं ने पखारे सुदामा के चरण

भोपाल, UPDATE/ दैनिक जयहिन्द न्यूज़।जब सुख का समय होता है तब तो हमारे अनेक मित्र होते हैं परंतु विपत्ति काल में जो साथ निभाए वही सच्चा मित्र होता है। महाराज जी ने कृष्ण सुदामा का चरित्र सुनाते हुए बताया कि बचपन में जब सुदामा और कृष्ण गुरुकुल में पड़ते थे तब सुदामा ने कृष्ण ने चने खा लिए और उनसे झूठ बोलकर कपट किया था जिस कारण से सुदामा को गरीबी का सामना करना पड़ा। वे गरीब थे परंतु दरिद्र नहीं। सुदामा ब्रह्मवेत्ता एवं परम सन्तोषी ब्राह्मण थे। द्वारकाधीश श्री कृष्ण जिनके मित्र है। फिर भी वह कभी कृष्ण से मिलने नहीं गए। पत्नी के बार बार कहने पर सुदामा धर्म के प्रचार प्रसार का वृतांत बताने के लिए श्री कृष्ण से मिलने द्वारिका गए।मित्रता का धर्म निभाते हुए श्रीकृष्ण ने तीन मुट्ठी चावल खाकर तीनों लोकों की संपदा अपने मित्र सुदामा पर न्यौछावर कर दी। अपने आंसुओं से सुदामा के पैर पखारे। इस अवसर पर स्रोता श्रद्धालु भी भाव विभोर हो उठे और सुदामा के पाई पूजे। श्री शास्त्री ने आगे परीक्षित मोक्ष, शुकदेव जी की विदाई, भगवान की लोकगमन लीला का वर्णन करते हुए बृज की फूलों की होली का उत्सव मनाया गया। इस मौके पर राधाकृष्ण की सुंदर झांकी सजाई गई। मुख़्य यजमान राकेश शर्मा ने पूजन किया। बृन्दावन से आए कलाकारों द्वारा बृज की सुंदर होली का चित्रण किया गया तो कथा में बृन्दावन जैसा माहौल बन गया। महाआरती के साथ कथा का समापन किया गया। कथा में भोपाल महापौर आलोक शर्मा, माध्यमिक शिक्षा मंडल की शीला दाहिमा, भागीरथ कुमरावत, ब्राह्मण एकता अस्मिता मंच के राकेश चतुर्वेदी, प्रेम गुरु, बीआर विश्वकर्मा, आशीष राजोरिया, सुशील अग्रवाल, पद्मेश शर्मा , महेंद्र शर्मा, एसके चौरसिया प्रियेश उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief