सनावद UPDATE/ दैनिक जयहिन्द न्यूज़। एक ऐसी योजना जिसमें यातायात की समस्या भी हल हो और नगर का सौंदर्यकरण भी जनप्रतिनिधियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। विक्रेताओं के उत्थान के लिये 2018 में दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राज्य शहरी आजीविका मिशन लागू किया गई है। इसके लिए नगर पालिका पिछले एक साल से वेंडिंग और नॉन वेंडिंग जोन का ड्राफ्ट प्लान भी तैयार नहीं कर सकी है। जबकि, सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप स्ट्रीट वेंडर्स (पथ विक्रेता) को तय स्थलों को विकसित कर बुनियादी और मूलभूत सुविधाएं सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी। ताकि नगर की नगर की यातायात व्यवस्था भी सुधार और सौंदर्यीकरण भी होता।
आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश पाटनी के अनुसार मिशन तहत निर्धारित स्थलों पर वेंडिंग मार्केट और नॉन वेंडिंग जोन बनाकर साइन बोर्ड लगाए जाने थे। सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप वेंडर मार्केट में जलापूर्ति, कचरा प्रबंधन, लाइट, वाहन पार्किंग, दुकानदारों की सामग्री रखने के लिए गोदाम, गंदे जल की निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम, सार्वजनिक शौचालय आदि सुविधाएं मुहैया करानी थी।इसके बाद स्ट्रीट वेंडर्स को निश्चित जगह पर शिफ्ट किया जाना था। इसके लिए योजना प्रथम सर्वे में नगर के 1530 पंजीकृत पथ विक्रेता क्रियान्वयन के लिए चिन्हित किया गए।
गौरतलब है कि भारत सरकार, मध्यप्रदेश शासन और नगरीय निकाय के संयुक्त प्रयासों से दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राज्य शहरी आजीविका मिशन को सन् 2014 -15 मे लागू किया गया । योजना मिशन वर्ष 2014-15 से राज्य के 55 शहरों में लागू की गई थी और आगे जाकर यह 70 शहरों में प्रभावशील की गई और 2018 में सनावद सहित दस नये शहर जुड़ने से योजना में कुल 80 शहर शामिल हो गये। शहरी पथ विक्रेताओं को सहायता योजना के अलावा स्वरोजगार कार्यक्रम, सामाजिक एकजुटता और संस्थागत विकास कार्यक्रम प्रारंभ किये गये है।
अगले चरण में दो योजनाएं संचालित
शहरी गरीबों के उत्थान के लिए इसी प्रकार योजना के दो चरणों में स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत व्यक्तिगत व समूह ऋण के माध्यम से स्वरोजगार स्थापना के लिए सहायता प्रदान प्रस्तावित है । व्यक्तिगत ऋण योजना के तहत 2 लाख रुपए व समूह ऋण योजना के तहत 10 लाख रुपए परियोजना लागत राशि के रूप में दी जाएगी। इसमें मार्जिन मनी व ब्याज अनुदान सहायता भी मिलेगी।
सामाजिक एकजुटता व संस्थागत विकास योजना के तहत चिह्नांकित क्षेत्र, वार्ड, स्लम स्तर पर त्रिस्तरीय संगठन यानि स्व सहायता समूह, एरिया लेवल फेडरेशन व सिटी लेवल फेडरेशन का गठन किया जाएगा। इनमें बैंक लीकेज दी जाएगी और गरीबों को बाजार मांग, कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों, तकनीकी परामर्श व सहायता उपलब्ध कराए जाने के लक्ष्य दिए गए हैं।
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