भोपाल, 10 अप्रैल 2023 Update News Network.
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सरकार सभी लोग मिलकर किसानों के नाम पर चैनलों पर आकर बड़ी बड़ी वाइट देते हैं, बड़े बड़े वादे करते हैं और जनता की गाड़ी कमाई को किसानों के नाम उद्योगपतियों, व्यापारियों और बीमा कंपनी के पेट भरते हैं, किसानों खाली हाथ अपने को ठगा महसूस करता है। किसानों के नाम पर बीमा कंपनी, चंद उद्योगपतियों और चंद व्यापारियों की दलाल के रूप में काम कर रही।
श्री चौधरी ने कहा कि सोसायटियों में जो पहले स्लाट बुक थे, उन्हीं की खरीदी हो रही थी, किसानों को आधार से लिंक नहीं होने का कारण सोसायटी में बताया जाता है। सरकार ने नया शगूफा निकाल दिया कि बैंक से आधार से लिंक नहीं है, लेकिन किसान जब बैंक में जाता है तो बताया जाता है कि आपका आधार बैंक से लिंक है, सरकार द्वारा किसानों को प्रताड़ित करने की साजिश की जा रही है। किसानों के घरों पर सूदखोर खड़े हैं, उनकी फसलों को ओने-पौने दामों पर खरीदने के लिए क्योंकि उनका गेहूं समर्थन मूल्य पर नहीं बिक रहा। जो गेहूं 4000 रू. प्रति क्विंटल बिकना था, वहीं 1600 से 1800 रू. तक में गेहूं खरीदा गया।
भाजपा ने एक नया तरीका किसानों के लिए निकाला गया जिसमें साफ दर्शाया गया है कि समर्थन मूल्य से कम खरीदी होने का उल्लेख किया गया है। मतलब एक ओर सरकार कह रही है कि समर्थन मूल्य से कम में गेहू नहीं खरीदा जायेगा, वहीं किसानों से एक फार्म भरवाया जा रहा है कि आपका गेहू नमी होने के कारण कम मूल्य में खरीदा जा रहा है, जिससे किसानों को ठगा जा रहा है।
बिलों की प्रतियां प्रस्तुत करने हुए बताया कि सरकार ने खुद कहा है कि 7 दिन के भीतर खातों में राशि डाली गई, लेकिन किसी किसान के राशि नहीं मिली।
बीमा कंपनियों द्वारा किसानों की राशि लगातार लूटी जा रही है, जब किसान को जरूरत है, तब उसे राशि नहीं मिल रही है। 2017 से 2021 तक बीमा कंपनियों ने किसानों से 35 से 36 हजार करोड़ रू. कमाय, कृषि मंत्री ने बीमा कंपनियों के साथ दलाली की है। बीमा कंपनियों द्वारा दो-दो, पांच-पांच रूपये मिलेंगे किसानों को।
