जय बाबा महाकाल….

आलोक संजर पूर्व सांसद भोपाल मध्य प्रदेश

शिल्पी छैनी से करें सपनो को साकार, अनगढ़ पत्थर से रचे मनचाहा आकार, माटी रखकर चाक पर घड़ा घड़े कुम्हार, श्रेष्ठ गुरू मिल जाय तो शिष्य पायें संस्कार…। जीवन में मेरा सौभाग्य रहा है कि अनेक रूपों में गुरूजनों का सानिध्य व शिक्षा संस्कार मिले है। जीवन में जिस तरह श्वांस का अपना महत्व उससे अधिक गुरू का महत्व है, श्वांस हर पल आती है और चली जाती है लेकिन जीवन में गुरू आगमन भाग्यशाली व्यक्ति के हिस्से में आता है, गुरू की प्रेरणा व शिक्षा हर पल साथ रहती है। मेरा अपना अनुभव है कि जब गुरू की प्रेरणा को अनदेखा किया है तब मैंने परेशानियों व मुसीबतों को सामने मुस्कुराते देखा है, गुरू के स्मरण मात्र से सुकुन के नज़दीक होता हूँ। गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर संसार के ज्ञात व अज्ञात सभी गुरूजनों के श्री चरणों को बारंबार स्पर्श कर आशीष का आकांक्षी हूँ। – जय बाबा महाकाल जय बाबा चतुर्भुज जय माँ माहेश्वरी जय बाबा नीम करौली जय हिन्द जय गुरुदेव भगवन् जय माँ नर्मदे जय मध्यप्रदेश जय भोपाल। – आलोकिरण संजर

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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