मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना चुके, पांव पांव वाले भैया के नाम से फेमस और सर्वहारा वर्ग में अपनी मजबूत पकड़ बनाने वाले शिवराज सिंह चौहान का जादू अब उत्तर प्रदेश में भी चलेगा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी क्षमताओं को ध्यान में रखकर उन्हें यूपी चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी है। वे पिछड़ा वर्ग से जरूर आते हैं लेकिन उनकी स्वीकार्यता आज सभी वर्गों में बनी हैं। गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान पार्टी के निर्देश पर पूर्व में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों सहित कई प्रदेशों में प्रचार कर चुके हैं। इन प्रदेशों में भाजपा की सरकार भले न बन पाई हो लेकिन जिन सीटों पर चौहान प्रचार करने गए उन सीटों पर भाजपा या तो विजयी रही या फिर अन्य दलों की अपेक्षा बढ़त बनाने में कामयाब रही है। चूंकि मध्यप्रदेश में लागू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और प्रगतिशील कार्यों की वजह से मध्यप्रदेश में लगातार शिवराज जी के नेतृत्व में सरकार बन रही है। उनकी इन्ही सफलताओं को अब भाजपा यूपी सहित अन्य राज्यों में भी लागू करने के प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बचपन में गरीबी और उसके बाद संघर्ष के दौर से ही आमजन से नाता रहा है। उन्होंने गरीब, किसान, मजदूर, बालिकाओं और आदिवासियों की समस्याओं को करीब से देखा है। यही वजह रही कि जब उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की बागडोर संभाली तो सबसे पहले इसी वर्ग की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाई। इन योजनाओं में मध्यप्रदेश के हर वर्ग, हर समुदाय और हर व्यक्ति की खुशहाली निहित है और प्रदेश नित नए आयाम गढ़ रहा है।
सहजता और सरलता ने बनाया जन नायक
वैसे तो शिवराज सिंह चौहान की छवि किसान, नेता, मामा और सहज व सरल राजनेता के रूप में जानी पहचानी जाती है लेकिन अब जिस तरह से माफिया के खिलाफ प्रदेश भर में कार्रवाई हो रही है उससे अब उनकी छवि एक जन नायक के रूप में बन गई है। उनकी सरलता और सहजता ने ही उन्हें लोकप्रियता के इस मुकाम तक पहुंचाया।
सरकारी योजनाओं में जनता की भागीदारी
यही नहीं शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनके द्वारा सरकारी योजनाओं में जनता की भागीदारी तय की गई। इसके लिए उनके द्वारा लगातार न केवल सीएम हाउस में पंचायतों का आयोजन किया जाता रहा बल्कि वे आम आदमी की तरह कई बार लोगों की भीड़ में जाकर उनसे मिलकर योजनाओं का फीडबैक लेते और क्षेत्र की समस्याएं तक पता करने में पीछे नहीं रहते हैं। इसकी वजह से लोगों में उनकी छवि एक मुख्यमंत्री की कम बल्कि आम आदमी की अधिक रही है।
यूपी में छाए मामा बनकर
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूपी के बलिया में भाजपा की जन विश्वास यात्रा का शुभारंभ करने पहुंचे थे। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि मप्र और पड़ोसी उत्तरप्रदेश में मामा के धर्म से यहां आया हूं। भाजपा को वोट दें। कहा कि बबुआ और प्रियंका आएंगे, सारे वचन आपको देंगे लेकिन आप लोगों को सावधान रहना होगा। शिवराज सिंह चौहान के मामा वाले अंदाज को वहां के लोगों ने खूब पसंद किया। बलिया के टीडी कॉलेज के मैदान में आयोजित जनसभा में शिवराज को सुनने बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। मुख्यमंत्री ने अपने ओजपूर्ण भाषण से लोगों को इस कदर मोहित किया कि कार्यक्रम के बाद भी लोग उन्हीं की चर्चा कर रहे थे। शिवराज सिंह चौहान ने यहां वंशवाद पर भी कांग्रेस और सपा को जमकर घेरा। कहा कि कांग्रेस में महत्वपूर्ण कुर्सी पर सिर्फ गांधी और सपा में यादव होते है जबकि भाजपा में चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री है।
गांवों के सर्वांगीण विकास पर फोकस
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एक नई इबारत लिखी है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, सडक़ व रोजगार के साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में विशेष प्रयास किए गए वहीं अब उनका फोकस ग्रामीण रोजगार पर है। यही वजह है कि सरकार के इन प्रयासों से मध्यप्रदेश के गांव आज आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। मप्र आज बीमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर विकास के पथ पर सरपट दौड़ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांव के विकास पर सबसे अधिक फोकस किया है। इससे प्रदेश में गांव की स्थिति अब तेजी से सुधर रही है।