UPDATE MPCG...जाके पैर न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई….. मैं कश्मीरी फाइल्स फिल्म पर टिप्पणी करने वाले फिल्म निर्माता नदव लापिड के लिए बात कह रहा हूं….. 90 के दशक में.. घर बार, कारोबार और अपनों को छोड़ने का जो दंश कश्मीरी हिंदुओं ने झेला है, उस पीड़ा और दर्द को हर भारतवासी के सामने सजीव रुप से फिल्म कश्मीर फाइल्स के माध्यम से पहुचाया गया है…. काश , टिप्पणी करने वाले महोदय एक बार रूबरू पीड़ित कश्मीरी पंडितों से मिले होते और उनके दर्द का शतांश भी महसूस किया होता…. आपका बयान अलगाववादी और टुकड़े टुकड़े मानसिकता वाली गैंग के लिए दिया गया प्रतीत होता है।
आपके इस शर्मनाक बयान से पूरा देश आहत है.
