
हरपालपुर शहर के पाश इलाकों में बिना परमिशन के स्कूलों बैंकों व रिहायशी इलाकों में संचालित हो रहे विवाह घरों ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा रखी है। अपनी रोजी रोटी की दुहाई देकर शादी विवाह समारोहों व अन्य अवसरों पर तेज आवाज में बजने वाले डीजे से निकलने वाली ध्वनि की आवाज से आम नागरिकों की जान सांसत में है, जबकि शासन की गाइड लाइन के हिसाब से 2 से 20 डेसीबल तक वाल्यूम का इस्तेमाल करने की इजाजत को दरकिनार कर तेज आवाज में डीजे वजने से दिल के मरीजों के लिए घातक तक साबित हो रहें हैं। उल्लेखनीय होगा मप्र शिक्षा मण्डल बोर्ड की 25 फरवरी से हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी की परीक्षाएं संचालित हो रही है, बावजूद इसके छात्रों की पढ़ाई में बाधक बन रहे समारोहों व धार्मिक स्थलों पर देर रात बजने वाले ध्वनि विस्तारित यंत्र डीजे लाउडस्पीकर व्यवधान उत्पन्न करते आये है रही ,सही कसर वाइको में हैवी साइलेंसरो से निकलती तेज पटाखों की आवाज ने पूरी कर रखी है। सड़कों पर कलाबाजिया दिखाकर फरार्टे भरते वाइकर लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ा रहे है शहर में युवाओं की खास पसंद माने जाने वाली बुलेट के स्विच को आन आफ मोड़ पर करने से वाहन में भरी गैस पटाखे या रिवाल्वर की आवाज की तरह साउण्ड करती है। इस आवाज से दुकान घरों में बैठे व सड़क पर चल रहे राहगीर डर के मारे सिहर उठते हैं जिसके चलते कभी भी हादसे की स्थिति बन सकती है। चिकित्सकों की मानें तो डीजे की तेज धमक दिल की दीवारों से टकराकर सीधी दिल पर अटैक करती है।यहां तक कि धमक से हार्ट में कंपन से जान तक जा सकती है पर नियमों का माखौल उड़ाया जाकर आज भी देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजाये जाये जा रहे हैं, जिससे कार्डियक अरेस्ट व हार्ट फेलियर की बढ़ती घटनाओं के बीच डीजे पर सख्त प्रतिबंध के बावजूद छोटे कस्बों शहरों में नियम कानूनों का माखौल उड़ाकर तेज आवाज में अश्लील गाने बजाये जाने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
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