

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास के मामले में नए कीर्तिमान स्थापित किए है। प्रदेश भर में जहां सड़कों के जाल बिछ गए हैं, वहीं बड़ी संख्या में फ्लाईओवर्स बनाए गए है। दरअसल यह सब संभव हो पाया है सीएम चौहान के सशक्त नेतृत्व और दूरदृष्टिपूर्ण निर्णयों के कारण। मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में अब मध्य प्रदेश देश में रोल मॉडल बन रहा है। यही नहीं प्रदेश में अब बिजली की समस्या भी लगभग पूरी तरह खत्म हो गई है। पीने के पानी की किल्लत भी अब नहीं रही। महानगरों के साथ ही यह समस्या गांव में भी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। बता दें कि पूर्व की कांग्रेस की सरकार के समय में मध्यप्रदेश की जनता बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसती थी। इसके लिए प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन और आंदोलन किए जाते थे। किसानों को खेत में सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिलती थी। गांव में बिजली की लगातार कटौती की जाती थी। यहां तक कि कांग्रेस शासनकाल में शहरों में भी बिजली कटौती की समस्या हमेशा जनता को सताती रही है। पीने के पानी की समस्या किसी से छिपी नहीं थी। इसके लिए महिलाएं मटके फोड़कर प्रदर्शन और आंदोलन किया करती थी। इसी तरह मप्र सबसे खराब सड़कों के मामले में पूरे देश में विख्यात था। लेकिन जब से मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी खासतौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब से प्रदेश की कमान संभाली, प्रदेश में जनता की बिजली-सड़क-पानी की मूलभूत सुविधाओं पर फ़ोकस रखकर काम किया गया। जिसका परिणाम यह रहा कि आज प्रदेश के किसी भी क्षेत्र या जिले में चले जाएं सड़कों के जाल बिछा दिए गए हैं। गांव-गांव और खेत-खलिहान तक सड़कें बन गई हैं। इसी तरह पीने के पानी की समस्या भी लगभग खत्म हो चुकी है। नल जल योजना के अंतर्गत पानी अब घरों तक पहुंच रहा है। गांव में भी लोगों को भरपूर पीने के पानी मिल रहा है। सिंचाई के लिए बिजली और पानी की कोई समस्या अब नहीं रही। शहरी क्षेत्रों में भी भरपूर बिजली मिल रही है। यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता की समस्याओं को अपनी समस्या मानकर, प्राथमिकता के साथ दिन-रात जुटकर हल करने का प्रयास किया है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मुलाकात कर राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास के लिए 747 करोड़ की मांग की है। इस दौरान सीएम ने उनसे अनुरोध किया कि नगरीय क्षेत्रों के भीतर से गुजरने वाले 262 किमी लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास के लिए एकमुश्त योजना में 747 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जाए। इनका विकास होने से बाइपास से बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी। वहीं, भोपाल में मंडीदीप से देवास मार्ग तक इंदौर में बाइपास, जबलपुर में बाइपास, ग्वालियर में बाइपास और सागर में भोपाल-सागर-कानपुर को जोड़ने वाले बाइपास निर्मित होना है। इन्हें भारतमाला परियोजना के पहले चरण में स्वीकृति दी जाए।
चकाचक सड़कों के लिए करोड़ों की सौगात
यदि बात करें पिछले 2021-22 के बजट की तो मुख्यमंत्री शिवराज शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष अनुरोध कर प्रदेश के लिए में 14 बाईपास, आठ नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण, सात नेशनल हाईवे की मरम्मत के लिए तीन हजार 856 करोड़ से अधिक की राशि आवंटित कराई। इन योजनाओं पर लगातार काम चल रहा है। इसी तरह आठ राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण पर करीब तीन हजार करोड़ रुपए खर्चं होना है जिसकी वार्षिक कार्य-योजना पर काम जारी है। इसमें नसरुल्लागंज-रेहटी-बुधनी मार्ग में 47 किलोमीटर क्षेत्र के चौड़ीकरण के लिये तीन करोड़ चार लाख 55 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। इसी प्रकार जीरापुर सुसनेर से राजस्थान सीमा तक 47 किलोमीटर मार्ग के लिए तीन करोड़ छह लाख 54 हजार, कुरावाई, मुंगावली से चंदेरी तक के लिए चार करोड़ 99 लाख, डिंडौरी- सागर टोला के लिए तीन करोड़ 29 लाख, जीरापुर-पचौर बायपास के लिए चार करोड़ छत्तीस लाख, कुन्डम सें शहापुरा तक के लिए एक करोड़ 78 लाख, जाहरखेडा- बैरासिया- धौलखेड़ी बायपास के लिए तीन करोड़ छप्पन लाख रूपये तथा डिंडौरी से मण्डला बायपास के लिए पांच करोड़ छप्पन लाख रूपये की राशि स्वीकृत की हुई है। इसी तरह प्रदेश में 11 राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार का काम जारी है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का किया जा रहा है उन्नयन कार्य
सीएम के अथक प्रयासों से विकास योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कार्ययोजना में खलघाट- कसरावद-खरगौन-बिस्ठान रोड, टीकमगढ़-पृथ्वीपुर से ओरछा, शहगढ़ से टीकमगढ़ रोड़ इंदौर से बैतूल रोड़, बालाघाट-नैनपुर रोड, बैतूल से आशापुर रोड़ तथा दौलखेड़ी चौराहा- मैलुआ चौराहा- कुरवाई की सड़कों के उन्नयन का काम स्वीकृत हो चुका है। इसके अलावा छह राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। साथ ही 22 राष्ट्रीय राजमार्गों के विभिन्न कार्यों के लिए दो सौ करोड़ रूपये की राशि स्वीकृति हो चुकी है।
जल शक्ति के तहत गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाया जा रहा पानी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से जल शक्ति प्रदेश के गांव-गांव और घर-घर तक पानी पहुंचाने का काम जारी है। हर गांव में अगले साल के अंत तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस संबंध में गाइड लाइन भी तय हो चुकी है। जल शक्ति मंत्रालय जल संरक्षण के साथ राइट टू वाटर के संबंध में निरन्तर कार्य कर रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लगभग साठ प्रतिशत में पहले से ही डेढ़ सौ से अधिक नल-जल योजनाएं संचालित थीं। इन्हें बढाया गया है और बाकी गांवों में करीब पांच दर्जन नई नल-जल योजनाएं तैयार की गई हैं। इसके साथ ही जन कल्याण की ऐसी अनेकों योजनाओं का लाभ प्रदेश की जनता उठा रही है और कह रही है कि मप्र में शिवराज है तो सब संभव है।