
पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि मध्यप्रदेश में वैसे तो लगातार काम किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब अवैध रेत उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे जहां रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगेगी वहीं पर्यावरण के नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकेगा। कल कैबिनेट ने 412 निकायों में पांच सालों में जल प्रदाय शिविर और पार्कों पर खर्च हेतु 11680 करोड रुपए स्वीकृत किए हैं। यह बजट सीएम शिवराज सिंह चौहान की मंशा को स्पष्ट करता है कि वह पर्यावरण बचाने और लोगों की खुशहाली के लिए कितने दृढ़ संकल्पित हैं। नदियो, तालाबों, वन व जल संरक्षण की लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के यह प्रयास प्रदेश में साकार होते भी दिख रहे हैं। आज वनों की अवैध कटाई पर सख्ती से रोक लगी है। जल स्रोतों को भी पुनर्जीवित करने का काम चल रहा है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा शिवराज जी के यह प्रयास निश्चित ही प्रदेश को तरक्की पर ले जाने के लिए सशक्त माध्यम बन गए हैं। अवैध उत्खनन रुकने से पर्यावरण का संरक्षण भी होगा और नदियों के नैसर्गिक जल प्रवाह को भी प्रबलता मिलेगी।
नियमों की सख्ती से लगेगी रोक
प्रदेश में अवैध उत्खनन पर लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। साथ ही राज्य सरकार ने इसके नियमों को सख्त किया है। यदि अब रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन किया गया तो रॉयल्टी का 15 गुना जुर्माना होगा। इसके साथ ही 15 गुना राशि पर्यावरण क्षति के लिए रॉयल्टी जमा करना पड़ेगी। यानी रॉयल्टी का 30 गुना दंड लगेगा। आजकल आमजन हो या राजनीतिक पंडित इस सख्त और कठोर निर्णय की माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा कर रहे हैं क्योंकि अवैध उत्खनन पर अब जो 30 गुना पेनाल्टी लगेगी उससे कहीं ना कहीं खनन माफिया की कमर टूटेगी। नए नियमों की सख्ती से नदियों का संरक्षण हो सकेगा और पर्यावरण सुरक्षित होगा। विदित है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान नदियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। करोड़ों लोगों की जीवनदायनी मां नर्मदा किनारे रेत के अवैध कारोबार को ध्वस्त किया जा रहा है। माफियाओं पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। नर्मदा में मिल रहे नाले नालियों पर सख्ती से रोक लगाई जा रही है। निकायों को पर्याप्त मात्रा में सीवरेज निर्माण के लिए फंड की व्यवस्था की गई है। माँ नर्मदा की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। यही नहीं नर्मदा किनारे के गांवों में सफाई अभियान के लिए समितियों का निर्माणकर, लगातार जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है। इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा किनारे जैविक खेती हेतु पहल की है। इससे कैमिकल युक्त खाद्यान्न से मुक्ति मिलेगी और लोगों के जीवन में अनावश्यक बीमारियों से सुरक्षा मिल सकेगी। कहीं ना कहीं यह सभी कदम पर्यावरण को बचाने के लिए ही सीएम चौहान द्वारा उठाए जा रहे हैं। उनके यह प्रयास प्रदेश के लोगों की खुशहाली के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
सीएम स्वयं रोज करते हैं पौधारोपण
पर्यावरण की चिंता सबको है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज एक पौधा लगाते हैं। यह उनकी दिनचर्या की शुरुआत में ही होता है। इससे प्रदेश के लोगों में भी जागरूकता बढ़ रही है। कई संगठन और समाज के लोग भी अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रेरणा लेकर पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और पौधारोपण में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर रहे हैं। निरन्तर वृक्षारोपण के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।