दो साल, मैनेजमेंट और श्रम साधना से जन-मन में समाए शिवराज : राकेश शर्मा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में अपनी चौथी पारी के मुख्यमंत्रित्व काल के 2 साल पूर्ण किए हैं। इन 2 सालों में उन्होंने कई ऐसी चुनौतियों का सामना किया है जो पहाड़ से भी ऊंची दिखाई पड़ती हैं। गौरतलब है कि जब 23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उस समय कोरोना की घातक महामारी चारों ओर फैल चुकी थी। इससे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश को आर्थिक रूप से लगभग दिवालिया बना दिया था। कांग्रेस के किसानों के कर्जमाफी का मजाक सबने देखा। वित्त का मिसमैनेजमेंट सबने देखा। ऐसी स्थिति में प्रदेश को संभालना वाकई बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दूरदर्शिता और उनके कुशल मैनेजमेंट ने न सिर्फ कोरोना महामारी पर पूरे प्रदेश में ठीक तरह से काबू पाया बल्कि ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने के लिए दिन रात मेहनत की। शिवराज सिंह चौहान की श्रम साधना को प्रदेश की जनता बखूबी जानती है और सराहना भी करती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उस दौर में जब जनता कोरोना महामारी से जूझ रही थी, दिन रात परिश्रम किया, यहां तक कि वे कई दिनों तक भी सोए नहीं और लगातार आला अफसरों के साथ पीड़ितों की मदद में जुटे रहे। मरीजों को सही इलाज और समय पर इलाज मिल सके इसके इंतजामों में लगे रहे। जैसे तैसे जब यह महामारी खत्म हुई तब तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगभग चौपट हो चुकी थी। मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल पा रही थी। लोगों की नौकरियां चली गई थी। व्यापार-व्यवसाय लगभग ठप हो चुके थे। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान ने अपनी दक्षता का परिचय दिया और बिना किसी भेदभाव के सबकी चिंता की। सबको रोजगार उपलब्ध हो सके, नौकरियों में भी निजी क्षेत्र एवं सरकारी उपक्रमों में लगातार प्रयास किए गए। यह प्रयास अब भी जारी हैं। युवाओं के लिए रोजगार मेले आयोजित हो रहे हैं। सरकारी नौकरियों में भी भर्ती है चालू की गई है। सूक्ष्म, लघु उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए विशेष पैकेज के तहत प्रयास किए गए हैं। यही नहीं सरकार ने अपने खर्चों में भी कटौती करके वित्तीय मैनेजमेंट को संभाला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इन 2 सालों के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। जिनमें किसानों की खुशहाली के लिए, गरीबों को फ्री राशन मिल सके, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर, बेटियों की पढ़ाई और उनके लालन-पालन को लेकर, स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार को लेकर, साथ ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर इंदौर और भोपाल की जनता को यह दिखा दिया गया है की सक्षम नेतृत्व क्या होता है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। आने वाले समय में इसके परिणाम हम सबके सामने होंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पिछली तीन पारियों में भी उल्लेखनीय है काम किए हैं। जिसमें ग्रामीण विकास, कृषि अधोसंरचना विकास के साथी सिंचाई के संसाधनों में लगातार वृद्धि हुई है। लगातार कॄषि कर्मण अवार्ड पाने वाला मध्यप्रदेश, देश में इकलौता है। इसका पूरा श्रेय भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है। महिला सशक्तिकरण को लेकर किए कामों ने शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिखर पर पहुंचा दिया है। आज गरीब, आम जनता से लेकर हर वर्ग हर उम्र के व्यक्तियों के लिए जनकल्याण की योजना मध्य प्रदेश सरकार चला रही है। बिना किसी भेदभाव के लाखों की संख्या में लोग इन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। विद्यार्थियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सके, उनके प्रोत्साहन के लिए भी कई योजनाएं लागू की गई है। महिलाओं की उन्नति और प्रदेश में विकास के नए-नए आम स्थापित किए गए हैं। इन 2 सालों में विपरीत परिस्थितियों के चलते भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कठिन परिश्रम करके जिस तरह से प्रदेश को पटरी पर खड़ा किया है और आगे आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं उनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। आज इन्ही उपलब्धियों की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के जन मन में समाए हुए हैं। और यही वजह है कि प्रदेश की जनता भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान के बारे में कहती है कि जब तक शिवराज है तो सब संभव है।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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