

भोपाल। हमेशा से कहा जाता है स्वस्थ्य शरीर ईश्वर की नेमत है। अंग्रेजी में भी एक कहावत है हेल्थ इज वेल्थ, अर्थात स्वास्थ्य ही इंसान की संपत्ति है। हर व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए विभिन्न उपाय करता है पर मनुष्य शरीर है कि कभी ना कभी कोई ना कोई रोग लग ही जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में व्यक्ति बीमार होने पर ज्यादातर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं के बीच इलाज करवाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर इलाज उपलब्ध हो सके उसके लिए भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान ने एक अनोखी पहल की है। स्वस्थ्य मध्यप्रदेश खुशहाल मध्यप्रदेश। सभी विकास खंडों में स्वास्थ्य मेला जिसमें सभी बीमारियों का चिकित्सा विशेषज्ञों से निशुल्क उपचार होगा। साथ ही साथ इसमें आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत निशुल्क विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी एवं समस्त पात्र हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड भी बनाया जाएगा। इसके तहत निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार तो होगा। जिससे गंभीर रूप से बीमार मरीजों को उनकी बीमारी के बारे में पता चलेगा, साथ ही विशेषज्ञों द्वारा उनकी जब जांच होगी तो पर्याप्त और समुचित इलाज ग्रामीण बंधुओं को प्राप्त हो सकेगा। स्वास्थ्य मेले में परिवार नियोजन परामर्श, ओरल कैंसर, टीवी और कुष्ठ रोगों की पहचान एवं रक्तदान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। सरकार की पहल है स्वस्थ्य आचरण एवं बीमारियों की रोकथाम के प्रति ग्रामीण जनता को जागरूक करना। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश की जनता को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध हो सके। जहां शहरी क्षेत्रों में अस्पतालों में कई महंगे जांचें सरकार की ओर से निशुल्क कराई जा रही हैं। साथ ही अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य मेले आयोजित किए जा रहे हैं। इन मेलों के जरिये मध्य प्रदेश के लाखों नागरिक स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ लेंगे। मध्य प्रदेश, खुशहाल मध्य प्रदेश तभी बन पाएगा जब मध्य प्रदेश का हर नागरिक स्वस्थ होगा। उसके लिए मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह पहल की है क्योंकि परिवार में अगर एक व्यक्ति भी बीमार रहता है तो पूरा परिवार उससे चिंतित रहता है। वह जल्दी से जल्दी स्वस्थ हो जाए उसके लिए प्रयास करना होता है। अब सरकार ने अच्छी और समुचित चिकित्सा व्यवस्था ग्रामीण बंधुओं तक पहुंचाने के लिए कदम उठाया है, जो मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इन प्रयासों से समझा जा सकता है कि आखिर यूं ही मध्य प्रदेश की जनता नहीं कहती शिवराज है तो सब संभव है।