शिव -राज में हो रहा स्वस्थ्य, सुपोषित बुनियाद का निर्माण : राकेश शर्मा

भोपाल। मध्यप्रदेश में आने वाली पीढ़ी स्वस्थ्य,सुपोषित रहे, इसके लिए शिवराज सरकार लगातार कदम उठा रही है। आज पूरे प्रदेश में स्वस्थ्य, सुपोषित बुनियाद के निर्माण के लिए मध्यप्रदेश में पोषण अभियान चलाया जा रहा है। कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान जो मामा के रूप में पूरे देश में लोकप्रिय हैं, वह अपने भांजे- भांजियों के पोषण के लिए कदम उठा रहे हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य है कि बच्चों के कम वजन, ठिगनापन एवं शारीरिक क्षय की परेशानी को दूर करना। साथ ही बच्चों एवं महिलाओं में खून की कमी का उपचार, मध्यप्रदेश में समुदाय आधारित गतिविधियां, आंगनवाड़ी केंद्रों पर हर माह नियत दिनों में गोद भराई, अन्न- प्रासन, बाल चौपाल, लालिमा दिवस एवं सुपोषण दिवस का आयोजन किया जाता है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण विविधता हेतु पोषण वाटिका लगाकर उत्पादित सब्जियों को कुपोषित बच्चों के परिवारों को दिया जाता है। मध्यप्रदेश में एक अभिनव पहल हुई है पोषण ट्रैकर एप के द्वारा तकनीक के बेहतर उपयोग से बच्चों की वृद्धि की निगरानी निरंतर की जाती है। पोषण मटका द्वारा सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए समुदाय द्वारा कुपोषित बच्चों की परिवार के लिए साधन, सहयोग साथी, पोषण सरकार एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं सतत निगरानी में शौर्य दल युवा और किशोर समूह, महिला समूह और स्व सहायता समूह के सक्रिय सहयोग से पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता की सतत निगरानी की जाती है। लगातार मध्यप्रदेश में मैदानी अमले की छमता वृद्धि के प्रयास भी किए जा रहे हैं। आईएलए के द्वारा मध्यप्रदेश में पोषण अभियान के अंतर्गत प्रदेश में सुचारू एवं सार्थक प्रयास सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे हैं। उसके परिणाम दिखाई देने लगे हैं।पोषण अभियान में जनभागीदारी को प्रोत्साहन करने की केटेगरी में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड 2021 के अंतर्गत पूरे देश में दो अवार्ड में से एक मध्यप्रदेश को मिला। मध्य प्रदेश के दतिया जिले को प्रधानमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड 2021 के लिए चुना गया है। मध्य प्रदेश से कुपोषण मिटाने के लिए शिव सरकार दृढ़ संकल्पित है। सरकार द्वारा कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वह सतत रूप से निगरानी रखें और पोषण आहार समुचित रूप से कुपोषित बच्चों के परिवार तक पहुंचे, उसके लिए अधिकारी की जवाबदारी तय करें। साथ ही महिला बाल विकास के अधिकारी लगातार उस परिवार से संपर्क में रहें और निरंतर माता-पिता से संपर्क कर उसकी रिपोर्ट तुरंत उच्च अधिकारियों को उपलब्ध कराएं। आज मध्यप्रदेश में कुपोषण को मिटाने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संयुक्त टीम बनाकर काम कर रहे हैं। और इसके परिणाम भी सामने आ रहे हैं। कुपोषण के जाल से मध्य प्रदेश के कुछ जिले घिरे हुए थे वह अब धीरे-धीरे इससे मुक्त हो रहे हैं।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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