भोपाल। मध्यप्रदेश में दयालु, गरीबों के मसीहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दयालुता के कई किस्से फिजाओं में घुले हुए हैं। कल की घटना कई लोगों को छोटी एवं सामान्य सी लगेगी । सीएम शिवराज सिंह चौहान एक कार्यक्रम में भाग लेकर भोपाल की एक वस्ती शबरी नगर जो नेहरू नगर के पास है, गुजर रहे थे , वहां पानी के लिए लंबी लाइन लगी हुई थी , सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपना काफिला वहीं रुकवाया और लोगों से बात की। जब वहां के आमजनों ने पीने के पानी की समस्या के बारे में सीएम शिवराज सिंह चौहान को बताया तो सीएम ने तुरंत नगर निगम कमिश्नर से बात की और कमिश्नर को अल्टीमेटम दिया कि आधे घंटे के अंदर सबरी नगर की पानी की समस्या हल होना चाहिए। इतनी संवेदनशीलता किसी अन्य राजनेता में हमने आज तक नहीं देखी । अगर हम ये लिख रहे हैं गरीबों के मसीहा तो उसका साक्षात जीता जागता उदाहरण उनके द्वारा बनाई गई गरीबों के लिए संबल जैसी योजना।
मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना संबल के माध्यम से गरीबों के जीवन में एक नया उजाला और एक नई मजबूती प्रदान की जा रही है। जितने भी गरीब भाई बहन हैं उनके साथ शिवराज सरकार ने तेंदूपत्ता तोड़ने वालों को भी शामिल किया हैं। असंचित मजदूर भी शामिल किए जा रहे हैं। सारे गरीब अब इस योजना में फिर से शामिल किए जा रहे हैं।
भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार जो नाम काट दिए गए थे उन्हें अब सरकार फिर से ऑनलाइन आवेदन लेकर जोड़ेगी । गरीब के साथ किसी भी कीमत पर अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। ये योजना 2018 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बनाई थी। लेकिन दुर्भाग्य था बीच में कांग्रेस की सरकार कमलनाथ की सरकार आ गई। यह योजना बंद कर दी गई।शिवराज सरकार ने गरीबों का पंजीयन किया था और गरीबों को शामिल किया था ।कोई भी मज़दूरी करने वाला भाई और बहन किसी भी जाति समाज का हो यह योजना किसी जाति के लिए नहीं सबके लिए थी। सबको शिवराज सरकार ने इसमें सम्मलित किया । सरकार ने रजिस्ट्रेशन अभियान चलाया लोगों के आवेदन लिए रजिस्ट्रेशन किया, कार्ड बना के दिए और युद्ध स्तर पर योजना का लाभ देना शुरू किया था।*लेकिन दुर्भाग्य था प्रदेश का, सरकार बदल गई। और जब कांग्रेस की सरकार आई तो उसने योजना ठंडे बस्ते में डाल दी। शिवराज सरकार ने नवीन पंजीयन शुरू किया है इसमें आवेदन एमपी ऑनलाइन केंद्रों पर, नागरिक सुविधा केंद्रों के माध्यम से किया जा सकता है।
गरीबों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं हैं। जिन भाइयों बहनों को लग रहा है कि हमारे साथ अन्याय हुआ है तो आप चिंता न करें, आवेदन दें , उसका परीक्षण सरकार करेगी । जिनके नाम जोड़े जाने चाहिए वो सारे नाम जोड़ दिए जायेंगे। हर ग्राम पंचायत में हर नगरपालिका में सूचना देने की व्यवस्था की जाएगी। गांव में भी सूचना ध्वनि विस्तारक यंत्र एवं डोंडी पीट कर भी दी जाएगी । पंचायत अपने ढंग से भी दे सकती है। सरकार भी विज्ञापन जारी करेगी। टीवी एवं रेडियो पर भी सरकार विज्ञापन जारी करेगी ताकि आवेदन देने की जानकारी सबको हो जाए। जिनका नाम नहीं जुड़ा या पहले कट गया था इनके सबके नाम जोड़ दिए जाएंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बचपन में गरीबों का दर्द देखा था। गरीब बहन जब बेटा बेटी को जन्म देती थी तो हफ्ते भर भी आराम करने का मौका नहीं मिलता था। बेटा बेटी को जन्म देने तक मजदूरी करती रहती थी। जन्म देने के बाद, अपने मासूम बेटा बेटी को गोद में लेकर फिर मजदूरी करने चली जाती थी। संबल योजना में शिवराज सरकार द्वारा जन्म देने से पहले बहन को 4 हजार रुपए दिए जाएंगे।जन्म देने के बाद 12 हजार रुपए, कुल 16 हजार रुपए दिए जाएंगे ताकि मेरी बहन घर पर रहकर आराम कर सके, उसे पोषण आहार भी मिल जाए और वो लड्डू भी खा ले जो कि प्रसूता के लिए जरूरी होते हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान के यह विचार भगवान की पूजा अगर करनी तो मुझे पता नहीं, मंदिर में जा के दर्शन करोगे तो वो मिलेगा कि नहीं मिलेगा। तीज त्योहारों के व्रत और उपवास रखेंगे तो नारायण दर्शन देँगे कि नहीं देंगे।लेकिन अगर दीनों की सेवा कर ली, दुखियों की सेवा कर ली, अगर गरीबों की आँखों के आंसू पोंछ दिए तो गरीबों की आखों में हमें साक्षात् भगवान के दर्शन होंगे। ये गरीब ही हमारा भगवान है, दरिद्र ही हमारा नारायण है। इसकी सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान जो कहते हैं कि मध्य प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता मेरी भगवान है , मध्यप्रदेश मेरा मंदिर और मैं उसका पुजारी ।कहीं ना कहीं पूजारी ईमानदारी से अपने भगवान की सेवा कर रहा है। इसीलिए मध्य प्रदेश की जनता कहती है शिवराज है तो सब संभव है। शिवराज सिंह चौहान के हृदय से निकली यह संबल योजना फिर से नए रूप में लागू हो गई है।
