भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान जो कहते हैं वह करते भी हैं और उसे धरातल पर उतारते भी हैं। मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव होने हैं, जिसमें से दो भाजपा और एक कांग्रेस पार्टी को मिलनी है। कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा को बनाया है जबकि भाजपा ने अपना पहला उम्मीदवार सुश्री कविता पाटीदार को बनाया है। कविता पाटीदार ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं। साथ ही प्रदेश की आबादी में से 50% महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। भाजपा ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं एक तो ओबीसी समाज को साधा, साथ ही महिला को प्रतिनिधित्व दिया। वहीं इसके उलट कांग्रेस के नेता लगातार ओबीसी समाज की सिर्फ बात कर रहे हैं। जहां महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोग से सरकार चल रही है वहां ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव का फैसला कोर्ट का आया, जिसे तुरंत महाराष्ट्र सरकार ने मान लिया। इससे ओबीसी समाज के बीच कांग्रेस की कलई खुल गई। आज कांग्रेस लगातार ओबीसी समाज की उपेक्षा कर रही है। पहले नेता प्रतिपक्ष का पद गोविंद सिंह को दिया गया वहां ओबीसी समाज का ख्याल नहीं रखा गया, बाद में अब राज्यसभा की एक सीट पर विवेक तन्खा को भेजकर फिर ओबीसी समाज को ठगने का काम कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया है। कांग्रेस पार्टी के हाल वैसे ही है जैसे हाथी के दांत खाने के अलग और दिखाने के अलग होते हैं। कांग्रेस पार्टी में अरुण यादव ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, पर लगातार उनका अपमान कांग्रेस पार्टी में हो रहा है। पहले उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया, फिर खंडवा लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया। अब जब उनकी मजबूत दावेदारी राज्यसभा के लिए थी, तो उसमें से भी उनका नाम काटा गया। इस उपेक्षा से दुखी होकर पहले भी विभिन्न मंचों पर अरुण यादव कह चुके हैं कि मैं फसल बोता हूं और काट कर कोई और ले जाता है। अपनों के तीर से घायल अरुण यादव को यह नहीं समझ में आ रहा कि उनकी खता क्या है, जो लगातार कांग्रेस पार्टी उन्हें हाशिए पर रखी हुई है। इधर सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा ने कविता पाटीदार को अपना उम्मीदवार बना कर कांग्रेस के नेताओं की बोलती बंद कर दी है। वह अब ओबीसी समाज के सामने अपना क्या चेहरा लेकर जाएंगे, यह अब कांग्रेस के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा। पिछले 70 वर्षों से कांग्रेस ने गरीब किसान युवा और अब ओबीसी समाज को ठगने का काम किया। सिर्फ बोलना और आश्वासन देकर गद्दी हासिल करने का प्रयास कांग्रेस पार्टी लगातार करती रही है, जिसे जनता बेहतर तरीके से जान गई है। इसीलिए अभी कुछ समय पहले 5 प्रदेशों में जो चुनाव हुए उसमें कांग्रेस का सफाया हो गया । साथ ही मध्यप्रदेश में चाहे 28 स्थानों पर चुनाव हो या पांच स्थानों पर भाजपा को अपार सफलता मिली। उसमें कहीं ना कहीं वंचित समाज को उसके हक दिलाने के लिए शिवराज सिंह चौहान के प्रयास हो, जो मध्यप्रदेश में रंग दिखा रहे हैं। आखिर यूं ही मध्य प्रदेश की जनता नहीं कहती शिवराज सिंह चौहान है तो सब संभव है।
