अन्नदाता के संकट के समय में फिर सहारा बने शिवराज : राकेश शर्मा

मध्यप्रदेश में किसानों पर एक बार फिर प्राकृतिक संकट आया है। दरअसल इस बार ओलावृष्टि और बारिश की वजह से किसानों की फसलें खराब हुई है। जैसे-तैसे बीज बोया था, फसल भी अच्छी होने की उम्मीद थी लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण सब कुछ तहस नहस हो गया। नुकसान से किसानों की आंखों में आंसू आ गए, क्योंकि जीवन यापन के लिए किसान खेती पर ही निर्भर है। खासतौर से छोटे और मंझोले स्तर के किसानों पर ज्यादा मार पड़ी है। बहरहाल किसानों के इस संकट को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान ने अपना संकट मानकर बिना देरी किए इसे हल करने के प्रयासों में जुट गए हैं। संकट के बीच वे किसानों के बीच पहुंचे, खेतों में जाकर खड़े होकर अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूरी ईमानदारी से किसानों के नुकसान का सर्वे किया जाए और जब में और मेरी सरकार पैसा दे रही है तो आप क्यों कंजूसी बिल्कुल न करें। मुख्यमंत्री ने उदार मन से किसानों को मदद करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मुआवजा के साथ ही उन्होंने फसल बीमा कंपनियों को भी निर्देश दिए हैं कि किसान को तुरंत 25% की राशि दी जाए और बाकी 75% सर्वे के बाद दी जाए। जिससे किसानों को तुरंत राहत प्राप्त हो सके। पूरे हिंदुस्तान में ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं है जो अपनी भगवान रूपी जनता की इतनी चिंता करता हो। उनकी समस्या को अपनी समस्या जानकर तुरंत हल करने का प्रयास करता हो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह अपनत्व और उदारता की भावना ही उन्हें जनता के बीच अति लोकप्रिय बनाती है और जनता के आंसू जो पोंछने का काम करता है जनता उसे भगवान से कम नहीं मानती। इसलिए यह सही है कि उदार मन से जनता की सेवा करने वाला, खासतौर से गरीब, किसान, अति पिछड़ों, कमजोर तबके के लोगों, महिलाओं, आदिवासियों और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की परिकल्पना को साकार करते हुए अन्तिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति की चिंता करने वाले मध्यप्रदेश के इतिहास में अब तक के श्रेष्ठ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्ष में बैठे कांग्रेस के नेता हैं जिन्हें जन सरोकार की बातों में नहीं बल्कि सिर्फ़ बयानबाजी करते रहने में ही मजा आता हैं। प्रदेश के अन्नदाता आपदा के समय संकट में हैं जबकि नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ट्वीटर के माध्यम से बयानबाजी कर रहे हैं, सोशल मीडिया में बाइट दे रहे हैं। दरअसल कांग्रेस को कभी भी किसानों की समस्या से वास्ता नहीं रहा। उनके नेता तो सिर्फ सुर्खियां बटोरने और मीडिया में बने रहने के लिए बयानबाजी करते हैं। इसके उलट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद किसान के खेत में पहुँच जाते हैं, किसानों की समस्या को अपनी समस्या समझकर हल करते हैं। यही वजह है कि जब वे खेतों में पहुंचे तो उन्होंने आगे होकर किसानों को गले लगा लिया। उन्हें ढांढस बंधाया की उनके दुख को जल्द दूर करेंगे। इसके लिए सीएम ने खेत से अधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया। उन्होंने अधिकारियों को सर्वे का जो आदेश दिया है उसमें निर्देशित किया है कि सर्वे कार्य करने के बाद इसकी सूची चस्पा किया जाए और गांव के प्रमुख लोगों से उसकी तस्दीक कराई जाए कि सर्वे ठीक हुआ है या नहीं। इसके साथ ही किसान को पूर्ण संतुष्ट किया जाए। सरकार ने भी अपनी तरफ से प्रति एकड़ 30,000 मुआवजे की घोषणा की है। बहन, बेटी की शादी के लिए भी माननीय मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि किसान भाई-बंधु चिंता बिल्कुल न करें उनकी बहन, बेटियों की शादी की चिंता भी मैं करूंगा। इसके अलावा ओला प्रभावित गांवों के किसानों से ऋण की वसूली भी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राशन सहित कोई अन्य परेशानी किसानों को न हो। यह भी सुनिश्चित करें। खेत-खेत और डगर-डगर किसानों के बीच जाकर मुख्यमंत्री भगवान के वरदान शिवराज सिंह चौहान ने फिर सिद्ध कर दिया कि एक किसान के बेटे के मन में किसानों के प्रति कितना प्रेम, सहानुभूति और करुणा है। यूं ही मध्य प्रदेश की जनता नहीं कहती है कि शिवराज है तो सब संभव है।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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