
हाल ही के एक्सिट-पोल यह बताते हैं कि सभी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को एक संतोषजनक या कहें पार्टी के लिए उत्साहजनक समर्थन प्राप्त हुआ है।
जो खुशी का विषय है, वहीं दूसरी और यह बात भी तय है कि कांग्रेस को पूरी तरीके से लोगों ने नकारा है।
गोवा और मणिपुर में यदि दिखाई भी दे रहे हैं, या फिर उत्तराखंड में उनकी उपस्थिति दिखती भी है, तो वे एक स्वतंत्र नेता ज्यादा है, बनिस्बत कांग्रेस के सिंबल पर लडे हुए, या कांग्रेस का जनाधार बनाते हुए हों।
यह बात भी सच है कि जहां-जहां राहुल गांधी गए या जहां पर भी राहुल गांधी ने हस्तक्षेप (सर्जरी) किया वहां पर कांग्रेस का सफाया हो गया।
इसका सबसे बड़ा और अच्छा उदाहरण कैप्टन अमरिंदर सिंह जी हैं जिन्हें, राहुल गांधी ने सोची-समझी रणनीति के तहत पुराने और कांग्रेस के कट्टर सिपाही होने के बावजूद और लगातार सरकार बना रहे थे फिर भी, उन्हें सड़क का रास्ता दिखाया।
बदले में जनता ने कांग्रेस को सड़क पर ला दिया।
ऐसी गलतियां कांग्रेस करती आ रही है, मुझे लगता है कि बड़े राज्यों में अब अगली सर्जरी राहुल गांधी राजस्थान में करने वाले हैं जहां से जल्दी ही कांग्रेस साफ हो जाएंगी।
कांग्रेस का अस्तित्व बड़े राज्यों से धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है।
मध्यप्रदेश में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बुजुर्ग नेता चिंतित हैं।
आने वाले समय में कांग्रेस का आम कार्यकर्ता मध्यप्रदेश में भी अपने राजनैतिक भविष्य को असुरक्षित पाकर अपनी राजनैतिक प्रतिबद्धता जल्द ही बदलेगा।