ओलावृष्टि से हुए नुकसान का तत्काल मुआवजा दे सरकार, 2020 के बाद से किसानों को नहीं मिला है फसल बीमा का फायदा – पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ


भोपाल -10 जनवरी 2022 UPDATE MPCG.
“ मध्यप्रदेश में पिछले 7 साल से पंचायत के चुनाव नहीं हो पा रहे हैं, इसकी मुख्य वजह भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओबीसी और आरक्षण विरोधी नीति है। ऑर्डिनेंस के जरिए शिवराज सरकार एक ऐसा काला कानून लेकर आई जिसमें न रोटेशन का पालन किया गया, न परिसीमन का और न आरक्षण का, इसी काले कानून की वजह से चुनाव रद्द हो गए। अगर मध्य प्रदेश की सरकार 2 महीने के भीतर परिसीमन, रोटेशन और ओबीसी आरक्षण के साथ ग्राम पंचायत चुनाव नहीं कराती तो काग्रेस पार्टी जिला स्तर, ब्लॉक स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक आंदोलन करेगी “ पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी ने आज अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उक्त बातें कही।

श्री नाथ ने पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से सीधा संवाद किया और हर विषय पर पूछे गए सवालों का विस्तार से जवाब दिया।
पंचायत चुनाव के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में श्री कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने परिसीमन और रोटेशन का मुद्दा उठाया था लेकिन जब कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया तो वहां मौजूद मध्य प्रदेश सरकार के वकीलों ने कोई आपत्ति नहीं की। सरकार को तुरंत माननीय उच्चम न्यायालय से अपने आदेश को रीकॉल करने का निवेदन करना चाहिए था, जो नहीं किया गया।अगले दिन ही सरकार को पुनर्विचार याचिका लगानी चाहिए थी जो नहीं लगाई गई।श्री नाथ ने कहा कि यह तो संयोग है कि उस समय विधानसभा का सत्र चल रहा था ,जहां कांग्रेस पार्टी स्थगन प्रस्ताव लेकर आई और उसके बाद सदन ने ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराए जाने के बारे में संकल्प पारित किया।
श्री कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का चरित्र पूरी तरह से ओबीसी विरोधी है। शिवराज सिंह चौहान 15 साल से मुख्यमंत्री हैं, भाजपा के तीन मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन क्या कभी भाजपा ने ओबीसी को 27% आरक्षण देने का प्रस्ताव सदन में रखा। भाजपा सरकार एक कानून बता दे जो उसने ओबीसी के हित में बनाया हो। उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल से ओबीसी स्कॉलरशिप का 1210 करोड़ रुपए बकाया है और यह स्कॉलरशिप वितरित नहीं हो पा रही है।

-हाल ही में मध्यप्रदेश में हुई ओलावृष्टि के सवाल पर श्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार को तत्काल किसानों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि खरीफ 2020 के बाद से फसल बीमा का प्रीमियम जमा नहीं किया गया है। 7000 करोड रुपए प्रीमियम जमा किया जाना था जिसमें 3300 करोड रुपए बीमा कंपनी को देने थे और बाकी की रकम राज्य सरकार को देनी थी। लेकिन यह रकम अब तक दी नहीं गई है। ऐसे में जब 2020 का बीमा अब तक नहीं मिला है तो 2022 में हुए ओला वृष्टि का पैसा 2024 में भी मिल जाए तो बड़ी बात है। सरकार को तुरंत मुआवजे के रूप में किसानों को यह पैसा देना चाहिए और जब बीमे की रकम सरकार को मिल जाए तो वह पैसा उसमें से काटा जा सकता है। लेकिन बीमा के भुगतान में देरी के लिए भी सरकार ही जिम्मेदार है।

-उत्तर प्रदेश में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में श्री कमलनाथ ने कहा कि कम समय में ही श्रीमती प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो चुनाव परिणाम आएंगे, उन पर लोगों को ताज्जुब होगा।

-हाल ही में पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई कथित लापरवाही के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में श्री कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा पूरे देश के मान सम्मान का विषय होती है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस विषय पर राजनीति करना चाहती है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा की पूरी जांच होनी चाहिए, उन्हें समुचित सुरक्षा दी जानी चाहिए। लेकिन उस पर राजनीति करना बहुत ही निंदनीय है।

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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