–पाठ्यक्रम में शामिल होगी भगवान परशुराम की जीवनी
भोपाल। भगवान परशुराम के चरित्र पर आधारित पाठ पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा। साथ ही शिवराज सरकार प्रदेश के जमीन या संपत्ति विहीन मंदिरों के पुजारियों को हर महीने पांच हजार रुपये का मानदेय देगी। यह घोषणा भगवान के वरदान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राजधानी के गुफा मंदिर में परशुराम जन्मोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में की।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि सब बच्चे पढ़े, क्या दिक्कत है? संस्कृत पढ़े, भगवान परशुराम पढ़ें, भगवान राम पढ़े, भगवान कृष्ण पढ़े, भगवान गीता पढ़ें; इसमें क्या आपत्ति हो सकती है। यह सनातन संस्कृति है, हमारी। यह संस्कृति पढ़ाई जानी चाहिए। भगवान परशुराम का पाठ पढ़ाया जाएगा। उनका चरित्र, उन्होंने जो काम किया है; वह तो सदैव रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पूरे पद नहीं भरे जायेंगे, तब तक हम अतिथि शिक्षक भी संस्कृत के रख लेंगे।ताकि काम तत्काल चालू हो जाए। संस्कृत के प्रति रुचि जागे और हम पढ़ते हुए अपने शास्त्रों के ज्ञान को आगे बढ़ाएं। संस्कृत के विद्वान, समाज के कल्याण के लिए और धर्म को आगे बढ़ाने के लिए चाहिए। इसलिए हमने संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती प्रारंभ की है। 1900 पद भर लिए है बाकी संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती जारी रहेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अक्षयोत्सव-भगवान श्री परशुराम प्रतिमा प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सब धन्य हैं। भगवान परशुराम का अवतरण दिवस है और इस अवतरण दिवस पर भगवान परशुराम जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण करने स्वामी अवधेशानंद गिरी पधारे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी अवधेशानंद महाराज के चेहरे पर तेज है। उनकी वाणी में ओज है। मां सरस्वती जी उनकी जिभ्या पर विराजती हैं। विद्वता उनकी आरती उतारती है।मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम जी की प्रकट उत्सव पर भगवान परशुराम जी सबके हैं। आज अक्षय तृतीया भी है। आज कई बेटियां दांपत्य सूत्र के बंधन में बधेंगी। मैं बेटी – दामादों को भी शुभकामनाएं देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम जी अक्षय हैं, अनंत हैं, सर्व व्यापक हैं। सत्य और धर्म की स्थापना के लिए वो हैं। दुष्टों का अंत और मानवता की रक्षा के लिए महायज्ञ उन्होंने प्रारंभ किया । मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान विष्णु जी के 6वें अवतार भगवान परशुराम जी प्रचंड और व्यापक हैं। प्रचंडता उनकी साधना में है, प्रत्यक्ष युद्ध में भी है और समाज सेवा में भी हैं। उनका अवतरण सतयुग और त्रेता काल के संधिकाल में हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं भगवान श्री राम जी को विष्णु धनुष भगवान परशुराम जी ने प्रदान किया था। भगवान श्री कृष्ण को सुदर्शन चक्र भी भगवान परशुराम जी ने प्रदान किया था और गीता का सूत्र वाक्य भी भगवान परशुराम जी ने दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम जी का अवतरण उस समय हुआ जब समाज में भयंकर अराजकता थी। जब मानवता पीड़ा से कहर उठी, सज्जनों के साथ संतों पर भी अत्याचार बढ़ने लगे, हिंसा का तांडव होने लगा, तब भगवान श्री परशुराम ने दुष्टों का संहार करने के लिए फरसा उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्री परशुराम जी ने धर्म की रक्षा के लिए हमें शक्ति और साहस देते हैं। समाज में ऐसे दुष्ट-पापी हैं, जो बेटियों-महिलाओं पर बुरी नजर रखते हैं, इन्हें जेल में डालना ही पर्याप्त नहीं है। तब परशुराम जी प्रेरणाा देते हैं कि ऐसे दुष्टों को कुचल दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भौतिकता की अग्नि में दग्ध इस विश्व मानवता को शाश्वत शांति का दिग्दर्शन कराएगा तो हमारा सनातन धर्म और हमारी संस्कृति ही कराएगा। इसलिए हमने ओंकारेश्वर में आदि गुरु आचार्य शंकर जी की भव्य प्रतिमा बनाने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सनातन संस्कृति आगे बढ़ती रहे। इसके लिए विद्वान, कर्मकांडी हमारी संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए चाहिए। हमने 1900 पदों पर संस्कृत शिक्षकों की भर्ती कर दी है। आगे भी भर्ती अभियान जारी रहेगा। जब तक पद नहीं भरे जाते, हम अतिथि शिक्षक रखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भौतिकता की भगवान श्री परशुराम जी के संदर्भ में स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में पाठ शामिल करने का निर्देश दे रहा हूं। श्री परशुराम जी के विषय में सभी पढ़ें और उनके जीवन से प्रेरणा लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मंदिर, जिनके साथ कोई भूमि या संपत्ति नहीं लगी है, उन मंदिरों के पुजारियों को 5 हजार रुपए प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। कई मंदिर ऐसे हैं जहां बड़ी मात्रा में जमीनें हैं उसमें से ही मानदेय की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी मंदिर की जमीन सरकार नीलाम नहीं करेगी। यदि जमीन नीलाम करेंगे तो पुजारी ही करेंगे। मंदिर की जमीनें न बिके, इस पर सुझाव के लिए समिति गठित की जाएगी। सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत पढ़ने वाले कर्मकांडी विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी। संस्कृत पढ़ने वाले जितने भी बालक हैं उनके लिए छात्रवृत्ति प्रारंभ की जाएगी। हमने सामान्य वर्ग आयोग बनाया है।सामान्य वर्ग के निर्धन ब्राम्हण के कल्याण के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। एक बात आई हमारे पुजारियों की! मंदिर में बरसों से और कई मंदिर तो ऐसे हैं, जहां ज्यादा दान- दक्षिणा नहीं आता है। दूरस्थ गांव के जंगलों में पुजारी डटे हैं, भगवान की सेवा में।ज्यादा दान-दक्षिणा भी नहीं है, इसलिए पहली श्रेणी में ऐसे मंदिर जहां जमीनें लगी नहीं है, उनके सामने तो तुरंत संकट है, कि पूजा कैसे जारी रहे। ऐसे सभी पुजारियों का मानदेय तत्काल 5000 से शुरू करते हैं। आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो घोषणाएं की हैं वह कई परिवार की जीवन को बेहतर बनाएंगे यूं ही मध्य प्रदेश की जनता नहीं कहती शिवराज है तो सब संभव है