
मध्य प्रदेश की सरकार ने करोना संकट के चलते हुए प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में की गई वृद्धि संबंधी आदेश को स्थगित कर दिया है ।इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में जो 5% की वृद्धि की गई थी उसको स्थगित किया है जिसके चलते प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी को 1000 से लेकर ₹6000 तक का मासिक नुकसान होगा। एक और जहां मार्केट में महंगाई पैर पसारे रही है वहीं दूसरी ओर जुलाई 2019 से लंबित महंगाई भत्ता जो बड़ी मुश्किल से पिछली सरकार ने कर्मचारियों को दिया था उसे रोक देना कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है साथ ही इससे कर्मचारी जगत में एक बड़ी नाराजगी भी बढ़ेगी। क्योंकि कर्मचारी सरकार से कंधे से कंधा मिलाकर 1 दिन का वेतन देने का ऐलान पहले ही कर चुका है ऐसे में बिना कर्मचारियों को विश्वास में लिए हुए दिए गए महंगाई भत्ते को स्थगित करना एक ऐसा कृत्य हैं जो नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध भी है और कर्मचारी जगत इसकी घोर निंदा भी करता है।
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