
नई दिल्ली ब्यूरो : विगत दिवस टीवी एंकर अर्णब गोस्वामी के द्वारा सोनिया गांधी ऊपर दिए गए बयान एवं सवालों के पश्चात तीसरे मोर्चे की पार्टी जनता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर महताब राय ने अपना वक्तव्य जारी करते हुए पत्रकारों से चर्चा कर बताया कि मैं सोनिया गांधी समर्थक नहीं लेकिन फिर भी एक राष्ट्रीय नेता पर हुए इस वार की मैं #निंदा करता हूं.. !
एक स्त्री जिसे इस नारी पूजक देश मे अपमानित किया गया,ये पोस्ट राजनीतिक नही है केवल सोनिया जी को एक स्त्री के नजरिये से देखने की कोशिश है ।सोनिया गांधी के जीवन पर आप नजर डाले तो उनका पूरा जीवन एक त्रासदी से कम नही है।वर्षों से वो केवल एक अदद मां बन कर रह गयी है ।शादी के कुछ साल बाद ही मां जैसी सास का गोलियों से छलनी शरीर जिसकी गोद मे आ जाए, टुकड़ो में जिसने पति की लाश देखी हो उसकी पीड़ा को क्या कोई महसूस कर सकता है।आखिर सोनिया -राजीव ने ऐसा क्या पाप किया? एक दूसरे से प्रेम किया, विवाह किया और विवाह के इतने वर्षों बाद भी भारतीय बहू के सारे धर्म ये स्त्री निभा रही लेकिन आपने उसे क्या दिया अपमान और तिरस्कार ।विवाह के बाद एक स्त्री की पहचान उसकी ससुराल से होती है यही है न आपकी भारतीय संस्कृति? फिर इस मामले में आपकी संस्कृति इतनी दोमुंही कैसे हो जाती है?किस मुंह से आप वसुधैव कुटुम्बकम का ढोंग करते जब अपने ही देश की उस बहू को आप आजतक नही अपना पाए जिसने अपनी पूरी उम्र आपके देश मे गुजार दी।सुषमा स्वराज का मैं सम्मान करता हूँ लेकिन एक स्त्री होकर सोनिया के विदेशी मूल का जो बार-बार उन्होंने जिक्र किया वो उनकी गरिमा के खिलाफ था। उस स्त्री ने आपके देश को अपनाया,आपकी भाषा सीखी,मॉडर्न परिवेश में पली स्त्री के सर से आज भी किसी रैली में पल्लू नही गिरता ! अब अगर मैं पलट के इन्हीं कथित सांप्रदायिक राष्ट्रवादीयो से पूंछू की सोनिया तो सालों से बहू का धर्म निभा रही लेकिन क्या आप लोगों के हिन्दू हृदय सम्राट ने अपनी शादी के 7 वचन निभाये ?चुनाव नही होता तो देश जान ही नही पाता कि इनका विवाह भी हुआ है आप अपनी घृणा से बाहर आइये तो सोनिया गांधी में आपको एक असली पारंपरिक भारतीय स्त्री की छवि दिखेगी।अपने पति के हत्यारो को माफ करने का कलेजा एक भारतीय स्त्री में ही हो सकता।पूर्ण बहुमत की सरकार में भी न खुद पीएम बनी न राहुल को बनाया क्यो,कौन उन्हें रोक सकता था?इतना अपमान और तिरस्कार सह कर भी कभी पलट के अमर्यादित टिप्पड़ी नही की सोनिया ने तो भारतीय संस्कृति निभाई लेकिन तुम लोगो ने दिखाया कि तुम अपने मूल में कितने कट्टर,जातिवादी,रंगभेदी,नस्लभेदी हो, तुम कितने धूर्त हो,संस्कृति की खोल में छुपे सबसे अश्लील समाज हो ।यक़ीनन सोनिया जी नें वह सब जिम्मेदारी बहुत मजबूत तरीके से निभाई है जो एक औरत व्याह कर ससुराल आती है तो निभाती है !लेकिन अफ़सोस कुछ पढ़े लिखें जाहिल और तुक्ष मानसिकता के लोग उन्हें समय समय पर अपमानित करने की कोशिश की है, लेकिन हमारे आम भारतियों में उनका बहुत ही आदर और सम्मान है !उन्होंने ऐसे लोगों पर कभी पलटवार नहीं किया और साबित कर दिया है की वह महानता एवं त्याग में स्वर्गीय राजीव गांधी से कहीं भी कम नहीं है !
अब हम बात करें अर्णब गोस्वामी और उसके इस नाट्य मंचन की तो साफ तौर पर देखा जा सकता है कि उसके पीछे किसी राजनीतिक दल का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता ! पालघर महाराष्ट्र में जो भी हुआ उसका जवाबदार सोनिया गांधी भला कैसे हो सकती हैं ? उस पर जवाब देने की प्रथम जिम्मेदारी होती है प्रदेश के मुख्यमंत्री कि जो कि इस वक्त हिंदूवादी पार्टी शिवसेना के उद्धव ठाकरे हैं इसी अंदाज में अर्णब गोस्वामी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं हिंदुत्व के पहरेदार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से यह सवाल क्यों नहीं पूछा ? क्यों यह सवाल जानबूझकर सोनिया गांधी पर ही दागा गया ! इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जी क्यों चुप्पी साध गए उन्होंने भी अपने वक्तव्य नहीं जारी किए..
खैर सांप्रदायिक ताकतें तो सदा इस देश में क्यों नहीं जहर घोलती रहेंगी, लेकिन आज मैं अपने राजनीतिक दल जनता कांग्रेस के माध्यम से अर्णब गोस्वामी की कठोर निंदा करते हुए देश की जनता से अपील करता हूं कि असफलताओं को छुपाने के लिए दूसरे की लाइन को छोटा बताने वाले यह लोग वास्तव में दलाल ही कहे जा सकते हैं लोकतंत्र के पहरेदार नहीं ! डॉक्टर महताब राय राष्ट्रीय अध्यक्ष
जनता कांग्रेस पार्टी ,
नई दिल्ली भारत
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