
भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन की जानकारियां सार्वजनिक की गई है जिनके अध्ययन के आधार पर जनता कांग्रेस प्रदेश प्रमुख अमित वर्मा ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया
कि विस्तृत विवरण देखने के पश्चात तो यही लगता है कि मध्य प्रदेश में सरकार अब फैक्ट्री माफिया नाम के एक नए समूह को जन्म देना चाहती है. लेबर कोर्ट जाने के एक आम मजदूर के कई अधिकारों को यूनियन लीडर और फैक्टरी मैनेजर की आपसी सुलह सहमति तक सीमित करना चाहती है यह सरकार..! जैसा की पहले फिल्मों में दिखाया जाता था कि मालिक वर्ग भ्रष्ट यूनियन लीडर के साथ मिलकर गरीब की आवाज को दबा देता है अब शायद वही होगा मध्यप्रदेश में..
मजदूरों के काम करने की शिफ्ट 8 घंटे के बजाये बढाकर 12 घंटे कर दी गयी है जिससे की प्रदेश का एक तिहाई मजदूर वर्ग बेरोजगारी की चपेट में आ जायेगा और जो बचा रहेगा वह 12 घंटे के घोर शारीरिक श्रम की तानाशाही का शिकार होगा..!
प्रदेश में निवेशकों एवं उद्योगपतियों को आकर्षित करने वाले एक पक्षीय लुभावने सपनों को दिखाने वाली इस मप्र सरकार ने एक भी श्रम नियम ऐसा नहीं बनाया जिसमें मप्र के स्थानीय निवासी को प्रत्येक कारखाने में प्रदेश के रहवासी होने के नाते आरक्षण मिले ताकि मप्र की जनता के आर्थिक हालात सुधर सकें..!
कुल मिलाकर मिलाजुला यह श्रम कानून बदलाव मजदूरों का कम बल्कि पूंजीपति वर्ग का ज्यादा फायदा करेगा..!
अमित वर्मा
महासचिव जनता कांग्रेस
भोपाल..
Mob : 09685164799
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