
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी हैं बेहाल, नहीं हुआ बराबर भुगतान !
नईदिल्ली, जनता कांग्रेस महिला मोर्चा राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व सांसद प्रत्याशी रहीं वरिष्ठ नेत्री भावना सांगेलिया ने आज आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल को समर्थन देते हुए अपने वकत्व्य में कहा कि कोरोना महामारी में जब हर तरफ लॉकडाउन था, लोग घरों में थे तब कुछ गुमनाम वॉरियर गली, मोहल्ले से लेकर गांव-शहर में दिन के धूप में कोरोना के संक्रमित को ट्रैक कर रहे थे. नाम है एक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट मतलब आशा वर्कर. ! लेकिन अब करीब 6 लाख आशा वर्कर अपनी कई सारी मांगों को लेकर हड़ताल कर जा रही हैं ! अपनी मांगों की ओर ध्यान दिलाने के लिए देश भर की आशा वर्कर 7 अगस्त यानी आज से दो दिन की हड़ताल पर हैं ! जनता कांग्रेस आशा वर्कर्स की मांग है का समर्थन करते हुए सरकार को आग्रह करती है कि उन्हें बेहतर और समय पर वेतन मिले, और एक कानूनी स्थिति जो न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करे, ताकि जिस तरह वो देश के पिछड़े और पहुंच से दूर इलाकों में जाकर अधिकारियों की मदद कर रही हैं वो जारी रख सकें !
आशा कार्यकर्ताओं से जुड़े संगठन की ये भी मांग है कि उन्हें सुरक्षा, बीमा और जोखिम भत्ता जैसी सुविधा सरकार मुहैया कराए ! जानकारी देते हुए महाराष्ट्र की एक आशा वर्कर ने बताया कि वो सुबह 7 बजे से शाम के 5 बजे तक काम करती हैं. जिसके बदले उन्हें महीने का सिर्फ दो हजार रुपए मिलता है. आशा कार्यकर्ता बताती है कि उन लोगों को कोरोना के दौरान काम करने के लिए एक्सट्रा दो हजार रुपए महीना मिलने का वादा किया गया था, लेकिन वो भी अबतक नहीं मिले हैं !
जनता कांग्रेस नेत्री भावना सांगेलिया ने कहा कि राज्यस्तरीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की परेशानीयां भी जगजाहिर हो रही हैं भुगतान राशि को लेकर वे भी परेशान हैं विशेषकर मध्यप्रदेश में! मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से आग्रह है कि उपचुनावों हेतू वोट बैंको की मार्केटिंग छोड़कर प्रदेश में महिलाओं की दशा पर ध्यान केंद्रित करें! वरना वह दिन दूर नहीं जब नारी शक्ति सड़क पर उतरकर इन मार्केटिंग बेस्ड सरकारों को वापस विपक्ष का रास्ता दिखा देंगी !
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