केंद्र ने खींचे हाथ, एमपी को रोकना पड़ेगा सड़कों का काम

केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा नहीं दिए जाने पर लोक निर्माण मंत्री सज्जन वर्मा ने ये कहा…

देश में सड़कों के विकास हेतु केंद्रीय सड़क निधि अधिनियम 2000 तथा इस अधिनियम के क्रम में केंद्रीय सड़क निधि( राज्य सड़क ) नियम 2014 जारी किए गए थे। इस योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में सड़क व पुलों के विकास हेतु भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सड़क निधि के माध्यम से अभी तक स्वीकृति दी जा रही थी।

सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय ,नई दिल्ली के अधिसूचना दिनांक 24 जुलाई 2014 द्वारा केंद्रीय सड़क निधि (राज्य सड़क )नियम 2014 जारी किया गया है ।जिसके अनुसार पेट्रोल -डीजल की बिक्री पर निर्धारित सेस की राशि के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य को वर्षवार एक्रूअल के आधार पर राशि विमुक्त की जाती है। नवीन सड़क व पुलों की स्वीकृति उपरोक्त अधिनियम में निर्धारित मापदंड एवं प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत किए जाते हैं।जिसमें भविष्य में होने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग,राज्य मार्ग तथा मुख्य जिला मार्गों पर स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर दी जाती है।

दिनांक 3 जुलाई 2019 को सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा सर्कुलर जारी कर निर्देश जारी किए गए हैं कि सीआरएफ (स्टेट रोड्स )रूल्स 2014 जो कि 24 जुलाई 2014 को जारी किए गए थे ,को डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ,मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ,नई दिल्ली के दिनांक 31-3-2018 को जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन से निरस्त किया गया है।इससे यह स्पष्ट है कि भविष्य में केंद्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान नहीं की जाएगी। जबकि मध्यप्रदेश के पेट्रोल एवं डीजल पर लागू सेस की राशि पूर्ववत केंद्र सरकार के पास रहेगी,जो उचित नहीं है।
मध्यप्रदेश के हिस्से के पेट्रोल तथा डीजल के सेस की राशि के रूप में रुपए 4284.97 करोड़ जमा हो चुके हैं। जिसके विरुद्ध अभी तक केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य को 3388.97 की राशि विमुक्त की गई है। शेष राशि लगभग 896 करोड की पात्रता मध्यप्रदेश राज्य की शेष है। जिसमें से माह जून 2019 तक व्यय की राशि रुपए 498.96 करोड़ का रिम्बर्समेंट प्राप्त किया जाना
मोदी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा एवं स्वीकृत कार्यों के निर्माण के लिए राशि उपलब्ध नहीं हो सकेगी,जो राज्य के विकास के हित में नहीं है।
वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल 64 कार्य लागत स्वीकृत हैं, जिसमें से 42 कार्य प्रगति पर है।इसके अतिरिक्त 10 कार्यों की निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी है तथा इसी प्रकार 11 कार्य की निविदाएं लोक निर्माण विभाग द्वारा आमंत्रित की जानी है।
केंद्र सरकार के उपरोक्त आदेश के परिणाम स्वरूप केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत उपरोक्त स्वीकृत सभी 64 कार्य बंद होने की संभावना है। केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में भाजपा, कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक पार्टियों के जनप्रतिनिधियों की मांग का समावेश किया जाता है।केंद्र सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में उपरोक्त विकास कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। केंद्र सरकार का यह निर्णय भेदभाव पूर्ण है।इस निर्णय के खिलाफ प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के साथ जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हम मांग करेंगे कि शीघ्र ही प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों के लिए केंद्रीय सड़क निधि से राशि स्वीकृत की जाए और इस निर्णय में बदलाव लाया जाए। क्योंकि यह हमारा हक़ है। इस राशि पर हमारा हक़ है। प्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रदेश में विकास कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है।पिछले 7 माह में ही कई विकास के कार्य हमारी सरकार ने किए हैं और प्रदेश में सड़कों का व पुलों का जाल बिछाया जा रहा है। केंद्रीय सड़क निधि रुकने से इन कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और प्रदेश के विकास की गति अवरुद्ध होगी। UPDATEMPCG/Bhopal

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief