भोपाल से प्रदीप जायसवाल 99073 90215 कांग्रेस का आज एक और बयान आ गया कि कमलनाथ देश के दूसरे नंबर के उद्योगपति हैं और शिवराज तो नंगे-भूखे हैं।
हां हम नंगे-भूखे ही भले, हम गरीबों का कष्ट जानते हैं, उनकी सेवा में दिनोंरात लगे रहते हैं।
तुमने कभी गरीबों को देखा है, भूख देखी है, धूल देखी है, बीमारी देखी है, कीचड़ देखा है, तुम क्या गरीबों का दर्द जानों।
हमें नंगे-भूखे ही रहने दो, हम नंगे भूखे हैं इसलिए सहरिया बहनों के खाते में एक हजार रुपए डलवाते हैं। हम जाति के बच्चों की फीस भरवाते हैं ताकि वह आगे बढ़ जाएं।
हम नंगे भूखें इसलिए संबल योजना मामा ने बनवाई औऱ तय किया कि गरीब बहन बेटा-बेटी को जन्म देगी तो जन्म देने के पहले 4 हजार और बाद मे 12 हजार रुपए देंगे।
उद्योगपति कमलनाथ तुमने तो बच्चों की फीस छीन ली, बहनों के पैसे छीन लिए, हम नंगे-भूखे हैं इसलिए बेटियों का कन्यादान करवाते हैं, तुमने तो 51 हजार बोलकर ढेला दे दिया।
जा उद्योगपति तेरा उद्योग तुझे मुबारक, हम नंग-भूखे हैं इसलिए किसानों को जीरो परसेंट ब्याज पर पैसे देते हैं। हम नंगे भूखे हैं इसलिए प्रधानमंत्री जी 6 हजार रुपए दे रहे थे हमने उसमें 4 हजार रुपए जोड़कर किसानों को 10 हजार रूपए दे रहे हैं।
हम नंगे-भूखे हैं इसलिए बच्चों को लैपटॉप देते हैं, स्मार्टफोन देते हैं। एक्सीडेंट में गरीब की मौत हो जाने पर तो बहन के लिए हम 4 लाख रुपए देते हैं ताकि जिंदगी की गाड़ी पटरी पर चलती रहे। सामान्य मौत पर 2 लाख, गरीब की मौत के कफन के लिए भी 5 हजार रुपए देते हैं।
हम नंगे-भूखे हैं तो बुजुर्गों को तीर्थयात्रा करवाते हैं, किसानों की फसल बीमा की राशि देते हैं। हम नंगे भूखे हैं जो गरीबों के पक्के मकान बनवाते हैं।
तुम्हारी अमीरी तुम्हें मुबारक कमलनाथ, ए बंगले वालों हम नंगे-भूखों पर अंगुली मत उठाओ, हमें नंगे ही रहने दो, हमें भूखे ही रहने दो ताकि जिंदगीभर गरीबों की सेवा करते रहें। updatempcg.com
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