
महाराष्ट्र, दिल्ली, गुरुग्राम और मध्यप्रदेश से वापस गांव जा रहे लोग..
नईदिल्ली : (मजदूर दिवस विशेष) कोरोना की ताज़ा लहर के कारण देश में हालात बद से बदतर होते दिख रहे हैं ! हर दिन कोरोना के मामलों की संख्या बढ़ रही है, मीडिया लाशों के अंबार और शमशान की चिताओं की तस्वीरें दिखा कर और मोदी जी की पुलिस देश की निरपराध जनता को लठ्ठों के दम पर डराने में लगी हुई है !
क्या इस देश में जनता से जीने का मौलिक अधिकार छीना जा चुका है। ।
अस्पतालों में स्वयं के संपूर्ण खर्च इलाजरत मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है ! इस बीच राज्य सरकारें फिर से लॉकडाउन समेत कई पाबंदियां लगाने पर मजबूर हो गई हैं ! पाबंदियों के बीच कामकाज पर असर पड़ रहा है और फिर एक बार देश के कई हिस्सों से मज़दूरों का पलायन शुरू हो गया है. दिल्ली से मज़दूरों की हो रही घर वापसी दिल्ली में लगातार कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बीच प्रवासी मज़दूरों का पलायन जारी है. बीते दिन में भी दिल्ली के आनंद विहार बस स्टेशन पर मज़दूरों की भारी भीड़ दिखी और हर कोई अपने घर लौटना चाहता है. वापस जाने वाले मज़दूरों का कहना है कि जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में लंबा लॉकडाउन लग सकता है इसलिए बेहतर है कि हम पहले ही घर चले जाएं. बता दें कि दिल्ली में कई दिनों से यही नज़ारा देखने को मिल रहा है, फिर चाहे वो बस स्टेशन हो या फिर रेलवे स्टेशन, मज़दूर बड़ी संख्या में अपने घरों की और लौट रहे हैं.
मध्यप्रदेश के पीथमपुर मंडीदीप आदि क्षेत्रों से भी पलायन जारी है जिसे देखने की फुर्सत राज्य सरकार के पास नहीं !
महाराष्ट्र में हालात बदतर, लंबे लॉकडाउन का डर ! महाराष्ट्र में तो कोरोना का संकट सिर के ऊपर चला गया है और हालात अब हाथ से निकलते दिख रहे हैं. यही कारण है कि राज्यों में छोटे छोटे लॉकडाउन के बाद अब संपूर्ण लंबे लॉकडाउन का खतरा मंडरा रहा है. इसलिए प्रवासी मज़दूर बड़ी संख्या में यहां से वापस अपने गांव जा रहे हैं. मुंबई के रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में मजदूरों की भीड़ है, जो यूपी-बिहार वापसी की राह देख रहे हैं. सिर्फ मुंबई ही नहीं, बल्कि पुणे, नासिक, नागपुर से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं. जानकारी के मुताबिक, धारावी से ही करीब 25 हज़ार मज़दूर वापसी कर चुके हैं.
बड़ी संख्या में झारखंड भी लौट रहे मज़दूर महाराष्ट्र से झारखंड वापसी करने वाले मज़दूरों की संख्या भी काफी ज्यादा है. बीते दिन मुंबई से रांची बड़ी संख्या में मज़दूर ट्रेनों में भरकर पहुंचे. रांची पहुंचे प्रवासियों ने बताया कि जहां हम लोग काम कर रहे थे, वो बंद हो गया तो बाकी काम करने वाले अपने अपने घरों को चले गए तो हमलोग भी अपने घर को चल दिए. रांची स्टेशन पहुंचे सभी यात्रियों की कोविड-19 जांच करने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा स्टेशन पर की गई थी.क्यों वापस लौट रहे हैं मजदूर? मज़दूरों की घर वापसी का सबसे बड़ा कारण संपूर्ण लॉकडाउन है. कई राज्यों ने सख्त पाबंदियों का रुख किया है, जिसके कारण काम पर असर पड़ रहा है. ऐसे में मज़दूरों के पास वापस आने के सिवाय कोई रास्ता नहीं है. क्योंकि पिछले साल लॉकडाउन के कारण काफी मुश्किलें मज़दूर झेल चुके हैं, यही कारण है कि हालात बदतर होने से पहले ही लोग अपने घर लौट रहे हैं.
इन हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए जनता कांग्रेस महासचिव अमित वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार चुनावों में इतना व्यस्त रही की उसे मालूम ही नहीं पड़ा कि कोरोना कब विशालकाय दानव का रूप लेकर लौट चुका है ! राज्य सरकारें विशेषकर दिल्ली और मध्यप्रदेश की फेल हो चुकी है कोई विजन नहीं , कोई बजट नहीं इनके मंत्री जनता की रक्षा के लिये जनता के मध्य ही चंदा बटोरने घूम रहे हैं निजी छोट-बड़े क्षेत्रीय उद्योगपतियों के चंदो पर जनता को उपचाररत छोड़ दिया गया है और इनका अफसरशाही तंत्र प्रशंसा गान सुनने में व्यस्त है ।
ऐसे में इन श्रमिकों और पलायन कर रहे मजदूरों के लिए कोई ऐक्शन प्लान नहीं है केन्द्र या राज्य सरकार के पास । आज श्रमिक दिवस के मौके पर भाषण और घोषणाऐं तो मिल जायेंगी लेकिन आज इन पलायनकर रहे मजदूरों को जरूरत है कोई ऐसे प्लान की जो इन्हे पलायन से रोककर यह आश्वासन दे कि सरकार उनके साथ है वो घबराये नहीं वो अकेले नहीं । क्या यह कर पायेंगी केन्द्र और राज्य की सरकारें ।।
अमित वर्मा
राष्ट्रीय महासचिव
जनता कांग्रेस पार्टी, नईदिल्ली.
Mb : 9685164799
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