– दिग्विजय गुट ने बढ़ाई सक्रियता, विंध्य क्षेत्र में भी तेज हुई अटकलें
• प्रदीप जायसवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश नायक के गढ़ पवई में कांग्रेस खासतौर पर दिग्विजय सिंह गुट कुछ अलग सियासी समीकरण की जोड़-तोड़ में जुट गया है। अर्जुन सिंह के जन्मदिन के बहाने अजय सिंह का शक्ति प्रदर्शन न केवल प्रदेश अध्यक्ष की रेस बल्कि पवई विधानसभा क्षेत्र से प्रबल उम्मीदवारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। उधर विंध्य क्षेत्र में भी इस बात की अटकलें तेज हो गई है कि अजय सिंह राहुल भैया पवई विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगे।
2013 के विधानसभा चुनाव में अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह राहुल भैया सीधी जिले की चुरहट सीट से चुनाव में उतरे थे। उन्होंने बीजेपी के शरदेंदू तिवारी को पराजित करते हुए चुनाव जीता था। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में सतना से कांग्रेस टिकट पर उतरे राहुल भैया को पराजय झेलनी पड़ी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह अपनी परंपरागत सीट चुरहट से हार गए। अजय सिंह को भाजपा के शरदेन्दु तिवारी ने 6,402 मतों से पराजित किया। तिवारी को जहां 71,909 वोट मिले, वही सिंह को 65,507 मत मिले। अजय सिंह इस सीट से 1998 से चार बार लगातार विधायक रहे। इस सीट से वह पहली बार हारे हैं। अजय सिंह ने 2008 का विधानसभा चुनाव वर्तमान बीजेपी राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह को पराजित कर जीता था। इस बार जब अजय सिंह की हार हुई तो एक दर्जन विधायक जिनमें चित्रकूट के विधायक नीलांशु चतुर्वेदी, चांचोड़ा के विधायक लक्ष्मण सिंह, गाडरवाड़ा विधायक सुनीता पटेल और छतरपुर के आलोक चतुर्वेदी के अलावा सुरेन्द्र सिंह और विनय सक्सेना समेत अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की पेशकश भी की थी।
भोपाल में मंगलवार को C/19 स्वर्गीय अर्जुन सिंह को जन्मदिन के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह, कमलनाथ सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह, श्री जीतू पटवारी, श्री तरूण भानोत, श्री हर्ष यादव, श्री जयवर्धन सिंह, श्री सुखदेव पांसे, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व संगठन प्रभारी श्री चंद्रप्रभाष शेखर, सांसद श्री राजमणि पटेल, विधायक श्रीमती सुनीता पटेल, श्री नीलांशु चतुर्वेदी, श्री रामलाल मालवीय, श्री आलोक चतुर्वेदी, श्री देवेन्द्र पटेल, पूर्व विधायक श्री मानवेंद्र सिंह, श्री विनोद डागा, श्री सुखेन्द्र सिंह बना, श्री यादवेन्द्र सिंह नागौद, श्रीमति सविता दीवान, श्री अश्विनी जोशी, श्री भगवान सिंह यादव समेत तमाम बड़े नेता और कांग्रेसजन मौजूद रहे। दिलचस्प पहलू यह है कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस संगठन की कमान संभाल रहे अरुण यादव के साथ नेता प्रतिपक्ष के नाते कदमताल कर रहे इन दोनों ही बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। अरुण यादव को बुधनी विधानसभा सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बड़े अंतर से पराजित होना पड़ा। चुनाव परिणामों के बाद जब दोनों ही नेता पीसीसी में मिले तो स्वाभाविक तौर पर भावुक क्षण भी देखने को मिला था। अरुण यादव की आंखें अजय सिंह से गले मिलकर भर आईं थी। कांग्रेस के अंदरखाने की मानें तो पवई क्षेत्र से ही एक बार फिर पराजय की आशंका के चलते मुकेश नायक को टिकट देने के बजाय अजय सिंह राहुल भैया को मौका दिए जाने की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस यदि पवई के रास्ते अजय सिंह की वापसी चाहती है तो क्या मुकेश नायक मौन रहकर साथ देंगे या फिर उनकी राह का रोड़ा बनेंगे। updatempcg.com
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