शिवराज की तपस्या ने जीता जन-जन का विश्वास : राकेश शर्मा

जन्मदिन 5 मार्च पर विशेष

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी पारी में एकदम बदले हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन उनका सिर्फ अंदाज बदला है, मिजाज आज भी पहले जैसा है। इसलिए कड़े फैसलों के बाद भी वे आम जनता के चहेते मुख्यमंत्री बने हैं। किसी समस्या से निपटने के लिए दूसरों की लाइन छोटी करने की बजाए अपनी लाइन बड़ी करने की उनका अदा पर सब फिदा हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अक्सर कहा करते हैं कि वह सज्जनों के लिए फूल से कोमल हैं लेकिन दुर्जनों के लिए वज्र से भी ज्यादा कठोर हैं। अपनी चौथी पारी में उन्होंने इस बात को पूरी तरह साबित कर दिया है। माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के मामले में मुख्यमंत्री ने जिस अंदाज के साथ फैसले लिए हैं उसकी कल्पना उनके साथ काम करने वाली ब्यूरोक्रेसी ने भी नहीं की थी। यही कारण है कि जब बड़ी बैठकों में कहते हैं एक लाइन का संदेश है माफिया को खत्म करना है… तो आला अफसरों की बैठक में सन्नाटा खिंच जाता है। उन्होंने एक बैठक में जब ग्वालियर नगर निगम के कमिश्नर और आईएएस अफसर के खिलाफ एक्शन लिया तो उन अधिकारियों के चेहरे भी सन्नाटे में आ गए जिन पर कोई एक्शन नहीं हुआ था। यह माना जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह अंदाज कभी नहीं हुआ करता था। वह हमेशा बड़ी कोमलता के साथ.. बड़ी सहजता के साथ पेश आते हैं… लेकिन उस बैठक में उन्होंने तुरंत चीफ सेक्रेटरी से कहा कि ऐसे अधिकारियों की छुट्टी कर दीजिए … और बैठक खत्म होने के 15 मिनट बाद कमिश्नर का ट्रांसफर हो गया। इस तरह के फैसले शिवराज सिंह ले सकते हैं जिसकी कल्पना इसके पहले नहीं की जा सकती थी। उन्होंने माफिया के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर भी जब अधिकारियों से कहा कि मेरे पास बहुत सारे निर्देश हैं… लेकिन मैं कोई निर्देश नहीं दूंगा… आपको तय करना है कि माफिया को कैसे ढूंढना है और कैसे उसे खत्म करना है… मेरा सिर्फ एक लाइन का निर्देश है कि इसे खत्म करना है तो वीडियो कांफ्रेंस में शामिल अधिकारी दाएं-बाएं झांकने लगे थे। लेकिन जनकल्याण को सबसे ऊपर रखने वाले शिवराज सिंह चौहान ने अपने फैसलों से साबित कर दिया कि वह सच में दुर्जनों के लिए वज्र से भी ज्यादा कठोर हैं। शिवराज सिंह चौहान का यह अंदाज इन दिनों सत्ता और सियासत के गलियारों से निकलकर आम जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यही कारण है कि जब वे सभाओं में पहुंचते हैं तो भीड़ उन्मादी सी हो जाती है और उनका स्वागत करने के लिए टूट पड़ती है। राजनीतिक विश्लेषक भी मानने लगे हैं इस पारी में शिवराज सिंह चौहान बहुत बदले हुए हैं… लेकिन यह कोई नहीं कह पाता है कि जन कल्याण का शिवराज सिंह चौहान का टारगेट कमजोर पड़ गया है… आज भी अपने हर काम में जनता का कल्याण टाप प्रायरटी पर रखते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान का रोज नया रूप इन दिनों देखने को मिल रहा है। कभी वह किसानों से सीधी बात करते हैं और उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि उनका किसी भी तरह से नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। इसीलिए उन्होंने किसानों की मदद के लिए प्रधानमंत्री सम्मान निधि के साथ राज्य सरकार की ओर से भी राशि देना शुरू कर दिया है। कभी शिवराज सिंह चौहान महिलाओं से सीधी बात करते हैं और उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि उनका भाई है इसलिए उन्हें किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है। कभी वह बच्चों से सीधी बात करते हैं और उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि मुख्यमंत्री नहीं बल्कि उनका मामा उनके साथ है। इससे बच्चे और विद्यार्थी ना सिर्फ खुश होते हैं बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। कभी शिवराज सिंह चौहान उद्योगपतियों से बात करते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि मध्य प्रदेश में आएं… निवेश करें… उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिस सहजता के साथ शिवराज सिंह चौहान समाज के इन तमाम वर्गों से बात करते हैं वह हमेशा स्मरणीय बन जाती है… लेकिन वही शिवराज सिंह चौहान जब माफिया के मुद्दे पर बात करते हैं तो अंदाज एकदम बदला हुआ होता है। अफसरशाही भी नहीं समझ पाती है कि अगले पल मुख्यमंत्री का मूड कैसा होगा। इसलिए पूरी मीटिंग के दौरान सारे अधिकारी पूरी तन्मयता के साथ उनके चेहरे पर ही नजरें गड़ाए रहते हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री एक नया प्रयोग कर रहे हैं। वे मंत्रियों को एक-एक कर अपने पास बुलाते हैं…चाय पिलाते हैं और उनसे उनके विभाग की समीक्षा मौके पर करवाते हैं… यह भी शिवराज सिंह चौहान का ही अलग अंदाज है कि चाय पर चर्चा के साथ किसी मंत्री के विभाग की समीक्षा की जाती है इस तरह शिवराज सिंह चौहान अपने तमाम समकालीन नेताओं को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण है कि भाजपा यह मानती है कि शिवराज सिंह चौहान जनता के कल्याण के लिए हमेशा संकल्पित रहने वाले नेता हैं और राजनीति में फिलहाल तो ऐसा कोई नहीं है।
शिवराज सिंह चौहान का बदला हुआ अंदाज माफियाओं पर भले ही भारी पड़ रहा है, लेकिन आम आदमी को लुभा रहा है। इसलिए यह माना जाता है कि फिलहाल शिवराज सिंह का मुकाबला किसी से नहीं है। आज भगवान के वरदान, प्रदेश के जन-जन के लाडले शिवराज जी का जन्मदिन है। उन्हें जन्मदिन की हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह शिवराज जी को दीर्घायु बनाएं और इतनी शक्ति प्रदान करें जिससे वे प्रदेश और आगे चलकर देश की जनता की सेवा इसी तरह पूरी तन्मयता से करते रहें। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के आह्वान पर कि मेरे जन्मदिन पर एक वृक्ष लगाए बैनर पोस्टर नहीं आज प्रदेश में अपने लाडले मुख्यमंत्री की दीर्घायु की कामना के साथ लाखों वृक्ष प्रदेश वासियों ने लगाए और अपने आस्था और विश्वास जन जन के लाडले शिवराज सिंह चौहान पर व्यक्त की. UPDATE MPCG

Pradeep Jaiswal

Political Bureau Chief

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